Surya Satta
श्रावस्ती

परिवार नियोजन अपनाने में महिलाओं ने रचा इतिहास

 

श्रावस्ती : संसाधनों के अभाव में आर्थिक समृद्धि के लिए जिले की महिलाओं ने परिवार नियोजन को अपना हथियार बना लिया है। परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों काे अपनाने में जिले की महिलाएं प्रतिदिन एक नया इतिहास रच रहीं हैं। ‘पहला बच्चा अभी नहीं’ और ‘दूसरा बच्चा जल्दी नहीं’ इन मूलमंत्रों को अपनाने वाली जिले की महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। आंकड़े गवाह हैं कि खाने वाली गर्भ निरोधक गोलियां हों, इंजेक्शन हों या फिर दूसरे साधन हों, बीते सालों में हर एक साधन के उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा बढ़ रहा है।

 

यूं बढ़ रहा परिवार नियोजन सेवाओं का ग्राफ

 

वित्तीय वर्ष — आईयूसीडी — पीपी आईयूसीडी — अंतरा

2022-23 — 3,164 — 15,000 — 10,775
2021-22 — 2,764 — 9,735 — 5,567
2020-21 — 1,392 — 10,984 — 3,025
2019-20 — 1,131 — 6,977 — 3,824
2018-19 — 1,019 — 5,706 — 2,250

 

खाने की गोलियां भी दिखा रहीं अपना असर

 

वित्तीय वर्ष — माला एन — छाया
2022-23 — 27,557 — 18,866
2021-22 — 22,905 — 11,623
2020-21 — 15,156 — 7,183
2019-20 — 19,335 — 6,054
2018-19 — 16,697 — 8,516

 

यह आंकड़े भी दे रहें गवाही

 

वर्ष 2020-21 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2019-21 में 49.6 प्रतिशत महिलाएं परिवार नियोजन के किसी न किसी साधन को अपना रहीं थीं, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 8.4 ही था। वर्ष 2019-21 में 4.4 प्रतिशत विवाहिताएं आईयूसीडी को अपना रहीं थी, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 0.5 ही था। इसी तरह वर्ष वर्ष 2019-21 में 8.3 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधक खाने की गोलियों का प्रयोग करने लगी थीं, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 1.2 ही था। एनएफएचएस-5 के अनुसार वर्ष 2019-21 में 6.1 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी करा रहीं थीं, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा महज 4.1 प्रतिशत ही था।

 

यहां से लें जानकारी 

 

परिवार नियोजन कार्यक्रम नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. उदयनाथ बताते हैं कि लक्षित दंपति को परिवार नियोजन की जानकारी देने और जागरूक करने के लिए हर माह की 21 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक गुरुवार को अंतराल दिवस का भी आयोजन किया जाता है। इन मौकों पर लाभार्थियों की शादी के दाे साल बाद ही गर्भधारण की योजना बनाने के बारे में काउंसलिंग की जाती है, और बास्केट ऑफ च्वाइस की जानकारी देते हुए परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के बारे में बताया जाता है।

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