Surya Satta
सीतापुर

अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास आंवटन मामले में ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

  1. सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर(sitapur) में खण्ड विकास अधिकारी(BDO) ने 44 अपात्रों को दिए गए आवास (Accommodation) के मामले में सम्बंधित ग्राम विकास अधिकारी (village development officer)
    के विरुद्ध 31 लाख नब्बे हजार के शासकीय धन के दुरुपयोग के मामले में मुकदमा पंजीकृत करवाया है. वही जिलाधिकारी को भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर DM धन ने की रिकवरी के आदेश दिए है. वही ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है.

शासकीय धन के दुरुपयोग के मामले में ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध BDO ने दर्ज कराया मुकदमा

सीतापुर जिले के विकास खण्ड सिधौली क्षेत्र की ग्राम अटरिया के मजरा गंगापुर में 44 अपात्रों को दिए गए प्रधानमंत्री आवास के मामले में खण्ड विकास अधिकारी सिधौली काजल ने अटरिया थाना में अटरिया ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम विकास अधिकारी आलोक श्रीवास्तव के विरुद्ध इकत्तीस लाख नब्बे हजार के शासकीय धन के दुरुपयोग के मामले में मुकदमा पंजीकृत करवाया है.
 अटरिया ग्राम पंचायत के रोजगार सेवक अशोक कुमार मिश्रा व ग्रामीण रामसेवक, श्री राम, राजकुमार द्वारा बीते मई माह में एक शिकायती पत्र सिधौली विकास खण्ड में दिया गया था. जिसमें अटरिया ग्राम पंचायत के अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास दिए जाने की बात कही गई थी और जांच करवाने की मांग की गई थी.

49 लोगों को दिए गए प्रधानमंत्री आवास में से मात्र 5 लोग ही मिले पात्र

 जिसकी बीते माह तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी और उसके बाद 3 सदस्यीय टीम की रिपोर्ट में पाया कि कुल 49 लोगों को दिए गए प्रधानमंत्री आवास में से मात्र 5 लोग ही पात्र हैं.
 अन्य 44 लोग पूरी तरह से अपात्र पाए गए जिसमें 43 पात्रों को प्रधानमंत्री आवास मिलने के बाद धन भी आवंटित किया गया.
 जिसके लिए ग्राम विकास अधिकारी द्वारा 31 लाख नब्बे हजार रुपए के शासकीय धन के दुरुपयोग को प्रथम दृष्टया पूरी तरह से दोषी पाया गया. खंड विकास अधिकारी सिधौली द्वारा अटरिया थाना में संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी आलोक श्रीवास्तव पर मुकदमा पंजीकृत करवाया गया है. वही उक्त धन की रिकवरी भी के भी निर्देश दिए गए हैं. इस अलावा ग्राम विकास अधिकारी को जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया है.
 खण्ड विकास अधिकारी काजल ने बताया की ग्राम विकास अधिकारी पर संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है और शासन द्वारा निर्गत किए गए धन को वसूली की जाएगी.

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