Surya Satta
उत्तर प्रदेशऐतिहासिक व पौराणिकधार्मिकसीतापुर

इस स्वयंभू शिवलिंग(This self-styled Shivling) पर जलाभिषेक से होती हैं सभी मुरादें पूरी

मदन पाल सिंह अर्कवंशी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी से 55 किलोमीटर दूर सीतापुर(sitapur) जनपद के सिधौली(Sidhauli) नगर पंचायत के मोहल्ला सिद्धेश्वर नगर में स्थित सिद्धेश्वर मंदिर(Siddheshwar Temple) में पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है. लाखों शिव भक्त अपनी मनवांछित मुराद के लिए यहां आते हैं और देवादिदेव भगवान शिव (Lord Shiva) के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं.

क्या  सिद्धेश्वर मंदिर का इतिहास

मंदिर के बारे में मान्यता है कि प्राचीन समय में इस स्थान पर जंगल हुआ करता था. एक चरवाहे द्वारा जंगल में घास काटने के दौरान उसकी खुरपी स्वयंभू शिवलिंग में लग गई.और शिवलिंग से खून निकलने लगा. चरवाहा घबराकर घर भाग आया. रात में भगवान शिव उसके सपने में आकर उससे उस स्थान की सफाई कर मंदिर स्थापित करने को कहा. इसके बाद चरवाहे ने उस स्थान की सफाई की और एक छोटे से मंदिर का निर्माण कराकर पूजा-अर्चना शुरू की. यहां पर आने वाले लोग जो भी मुराद मांगते, वह पूरी होने लगी. इससे लोगों का इस मंदिर के प्रति विश्वास और अधिक गहराता गया और मंदिर की ख्याति बढ़ती गई. वर्तमान समय में इस मंदिर में दूर दराज से पूरे वर्ष लाखों श्रद्धालुओं का आना बना रहता है. विशेषकर सावन माह में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुचते है.

संवत 2018 में मंदिर का कराया गया था जीर्णोद्धार

 संवत 2018 में मंदिर के जीर्णोद्धार के दौरान स्वयंभू शिवलिंग की 27 फिट तक खुदाई कराई गई थी. लेकिन शिवलिंग का कोई अंत नही मिला. जिसके बाद उसी स्थान यथा स्थित बनाते हुए मंदिर का भव्य रूप में जीर्णोद्धार कराया गया था. तब से समय समय पर श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर की रख रखाव व जीर्णोद्धार कराया जा रहा है.

 द्वापरयुग में इस स्वयंभू शिवलिंग की भगवान श्रीकृष्ण ने की थी पूजा

 मान्यता है कि त्रेतायुग में इस शिवलिंग की पूजा अर्चना राज मांधाता द्वारा की गई वही पुराणों वर्णित है इस स्वयंभू शिवलिंग की पूजा द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन द्वारा की गई.
प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की होती है विशेष पूजा
सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. प्रतिदिन आरती होती है.
मंदिर के पुजारी रामशंकर गिरी,पूर्व चेयरमैन नगर पं. सिधौली गंगाराम राजपूत, श्रद्धालु अविनाश चन्द्र मिश्र का कहना है कि सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के दरबार से आज तक कोई खाली हाथ नहीं गया. मंदिर के ही प्रांगण में स्थित भगवान मुक्तेश्वर महादेव माता पूर्णागिरी देवी, शनिदेव भगवान व राम सीता दरबार तथा श्री राधा कृष्ण के मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है.

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