परिवार नियोजन को लेकर ओरल पिल्स पर जताया भरोसा
बीते साल के मुकाबले इस साल अधिक गोलियों का हुआ वितरण
सीतापुर : आंकड़े गवाह हैं कि परिवार नियोजन के प्रति लोगों की समझ बढ़ी है। इसकी वजह बताते हुए सीएमओ डॉ. मधु गैरोला बताती हैं कि जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के बाद अब परिवार नियोजन के साधन सुदूर ग्रामीण अंचलों में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी उपलब्ध हो गए हैं। जिससे हर कोई आसानी से इन्हें पा सकता है। इसके अलावा बीते वर्षों में परिवार नियोजन को लेकर मीडिया में भी जिस तरह की जागरूकता वाली खबरें आई हैं, उससे भी लोगों का इन अस्थायी साधनों के प्रति भरोसा बढ़ा है।
सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि दो बच्चों के बीच में अंतर रखने अथवा अनचाहे गर्भ से बचने के लिए महिलाओं द्वारा माला एन गोलियां का प्रयोग किया जाता है। इसकी एक स्ट्रिप में 28 गोलियां होती हैं। इनमें से 21 हार्मोनल अर्थात सफेद गोलियां होती हैं और सात आयरन की गोलियां होती हैं। इनका सेवन सफेद गोलियों से शुरू होता है। प्रतिदिन एक गोली खानी होती है, 21 दिन बाद सफेद गोलियां खत्म होने पर आयरन की गोलियों का लगातार सात दिन तक सेवन करना होता है। इसके बाद आवश्यकतानुसार दूसरी, तीसरी स्ट्रिप की शुरूआत की जा सकती है। जब तक बच्चा न चाहे तब तक इसका सेवन किया जा सकता है। महिलाओं द्वारा इसे माहवारी शुरू होने के पहले दिन से पांचवें दिन के अंदर इसे शुरू किया जा सकता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रसव के छह माह बाद और किन्हीं भी कारणों से स्तनपान न कराने वाली महिलाएं प्रसव के तीन सप्ताह बाद इन गोलियों का सेवन कर सकती हैं। इसी तरह अनचाहे गर्भ से बचने अथवा दो बच्चों के बीच में अंतर रखने के लिए महिलाओं द्वारा साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली छाया का प्रयोग किया जाता है। इसकी एक स्ट्रिप में आठ गोलियां होती हैं। दो बच्चों के बीच में अंतर रखने के लिए माहवारी शुरू होने के पहले दिन से अथवा प्रसव या गर्भपात की स्थिति में पहले दिन से एक गोली प्रतिदिन जब तक बच्चा न चाहे तब तक खानी होती है। असुरक्षित यौन संबंध में स्थिति में महिला को आकस्मिक गर्भ निरोधक गोली (इमरजेंसी कॉंट्रासेप्टिव पिल्स यानि ईसीपी) खानी होती है। इसकी एक गोली यौन संबंध बनाने के 72 घंटें के अंदर खानी होती है। इके अलावा दो बच्चों के बीच में अंतर रखने अथवा अनचाहे गर्भ से बचने के लिए पुरुषों द्वारा कंडोम का प्रयोग किया जाता है।
क्या कहते हैं आंकड़े
परिवार नियोजन कार्यक्रम के जिला सलाहकार जावेद खान ने बताया कि बात अगर बीते दो सालों की करें तो वर्ष 2021-22 में माला एन गोलियों की 68,492 स्ट्रिप्स (28 गोलियों का पत्ता) का वितरण किया गया, जबकि वर्ष 2022-23 में यह संख्या 91,665 रही। वर्ष 2021-22 में 25,040 ईसीपी का वितरण किया गया, जबकि वर्ष 2022-23 में 32,927 ईसीपी का वितरण किया गया। वर्ष 2021-22 में छाया गोलियों की 35,989 स्ट्रिप्स (आठ गोलियों का पत्ता) का वितरण किया गया, जबकि वर्ष 2022-23 में यह संख्या 58,838 रही। वर्ष 2021-22 में 7,29,476 कंडोम का वितरण किया गया, जबकि वर्ष 2022-23 में 8,97,726 कंडोम का वितरण किया गया।
क्या कहती हैं लाभार्थी
विरसिंहपुर गांव की सुनीता और असनिया गांव की रूबी बीते दो-दो सालों से छाया गोली का प्रयोग कर रहीं हैं। इनका कहना है कि इन गोलियों से उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो रही है। दो बच्चों के बीच में अंतर रखने का यह एक उचित माध्यम है। इसके अलावा शहजहांपुर गांव की शांति बीती एक अप्रैल से माला एन का सेवन कर रही हैं। इनका कहना है कि दो बच्चों के बीच में अंतर रखने के लिए यह एक अच्छा साधन है। मुझे इस गोली को खाने से अभी तक कोई परेशानी नहीं हुई है। इसी तरह अंबरपुर की सावित्री का कहना है कि बीते दो माह से मैं माला एन गोली खा रही हूं।