Surya Satta
उत्तर प्रदेशलखनऊ

तो क्या जंग के पहले ही विपक्ष ने मान ली हार?

तो क्या जंग के पहले ही विपक्ष ने मान ली हार?

नगरीय निकाय चुनाव

अखिलेश अब तक मैदान में ही नहीं उतरे

मायावती उतरेंगी इसकी फिलहाल उम्मीद नहीं

प्रियंका तो 10 माह से यूपी आई ही नहीं

लखनऊ : तो क्या नगरीय निकाय चुनावों में विपक्ष ने चुनाव के पहले ही अपनी हार कबूल कर ली है? क्या अपने चुनिंदा गढ़ों को बचाने की चिंता में उन्होंने पूरे प्रदेश में सत्तापक्ष (भाजपा) को वॉकओवर दे दिया है ? पहले चरण के चुनावों के लिए 4 मई को मतदान होना है. 2 मई को चुनाव प्रचार थम जाएगा. इस लिहाज से देखें तो अब पहले चरण में प्रचार के लिए गिनती के चंद रोज ही बचे हैं और अब तक प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस की कहीं से भी सक्रिय नहीं नजर आती है.

 

इसकी तुलना में भाजपा के सरकार और संगठन ने इन चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अप्रैल की गर्मी से बेपरवाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक एवं अन्य मंत्री फील्ड में पसीना बहा रहे हैं. स्थानीय सांसदों एवं विधायकों को भी बागियों को मनाने एवं हर हाल में जीत हासिल करने का साफ संदेश संगठन की ओर से दिया जा चुका है. रही विपक्ष की बात तो उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा 10 महीने से प्रदेश में आयी ही नहीं. फिलहाल वह कर्नाटक के चुनावों में व्यस्त हैं.

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अभी तक फील्ड से नदारद हैं. संभव है अंतिम दो- चार दिनों के दौरान वह लखनऊ समेत कुछ चुने हुए जिलों में सभाएं करें. बसपा की सुप्रीमों मायावती प्रचार के लिए निकलेंगी इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं है. रही उप्र में बिना किसी जमीन के पांव पसारने की कोशिश करने वाली केजरीवाल के आम आदमी पार्टी (आप) की तो इसके अकेले किरदार सांसद संजय सिंह हैं. उनका सारा प्रयास प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सीमित है.

 

योगी ने संभाली कमान

 

 

हर चुनावों की तरह इस चुनाव की भी कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाल ली है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली,अमरोहा,उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ में उनकी जनसभाएं हो चुकी हैं. गुरुवार को आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद में उनकी सभाएं हुई जबकि आज शुक्रवार को नैमिषारण्य, लखीमपुरखीरी, बलरामपुर एवं गोरखपुर में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्तावित कार्यक्रम हैं.

शुक्रवार और शनिवार को गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम लगें हैं. पहले दिन शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित आशीष मैरेज हाल (गोरखपुर क्लब परिसर) में चिकित्सको के सम्मेलन में भाग लेंगे. इसके बाद राप्तीनगर के डॉ भीमराव आंबेडकर जूनियर हाईस्कूल परिसर में एक सभा को भी संबोधित करेंगे.

 

इस क्रम को जारी रखते हुए शनिवार को वह गोरखपुर महानगर के आर्यनगर उत्तरी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में व्यापारी सम्मेलन में अपना मार्गदर्शन देंगे. इसके बाद महराजगंज से जीएसवीएस डिग्री कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद कुशीनगर के उदित नारायण पीजी कॉलेज में पार्टी की ओर से आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे. शाम को देवरिया के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में भी मुख्यमंत्री एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. एक मई को गोरखपुर में टाउनहॉल पर भी उनकी एक सभा होनी है होगी. चूंकि गोरखपुर मुख्यमंत्री का गृह जनपद है. लिहाजा यहां की हार-जीत उनकी साख से जुड़ती है। यही वजह है कि गोरखपुर पर उनका खास फोकस है. इसके पहले भी 19 अप्रैल को वह वहां सभी जिलों की अलग-अलग बैठक कर कार्यकर्ताओं को जीत हासिल करने के टिप्स दे चुके हैं.

 

पहले चरण में मेयर की 10 सीटें

 

उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 10 नगर निगमों के मेयर, 830 पार्षदों, 104 नगर पालिका अध्यक्ष, 276 नगर पंचायत अध्यक्ष और इनके सदस्य चुने जाने हैं.

पहले चरण में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में मेयर चुने जाने हैं. 2017 के चुनावों में भाजपा ने इनपर क्लीनस्वीप किया था. इसी चरण में मैनपुरी और रामपुर भी हैं. यहां सपा के दम-खम की एक बार फिर परीक्षा होगी.

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