सुनील और मधू के लिए वरदान साबित हुआ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
श्रावस्ती : बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) गंभीर रूप से बीमार बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस योजना के तहत बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों का सफल इलाज भी किया जा रहा है. इसी योजना के तहत जन्म से बोल और सुन न पाने वाले दो बच्चों का सफल इलाज कराया गया है.
इसी कड़ी में एक ही परिवार के दो बच्चे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत बोलने और सुनने में सक्षम हो सके हैं. जमुनहा ब्लॉक के फतेहपुर बंगई गांव के राम किशोर का पांच साल का बेटा सुनील और चार साल की बेटी मधू जन्म से ही बोलने और सुनने में अक्षम थी. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इन दोनों बच्चों का ऑपरेशन लखनऊ के एक निजी अस्पताल में बीती आठ जनवरी को किया गया.
इस सफल ऑपरेशन के बाद यह दोनों बच्चे अब न सिर्फ बाेल रहे हैं, बल्कि दूसरों की बात भी सुन सकते हैं. राम किशोर ने बताया कि मेरे दोनों बच्चों को जन्म से सुनाई नहीं देता था, और न ही वह दोनों बोल पाते थे. बच्चाें को कई चिकित्सकों को दिखाया, लेकिन ऑपरेशन कराने में मैं सक्षम नहीं था, लेकिन सरकार का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मेरे पूरे परिवार के लिए वरदान साबित हुआ, सरकारी खर्च में मेरे बच्चों का ऑपरेशन हुआ और अब वह दोनों स्वस्थ हैं. इलाज के दौरान बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिली, आरबीएसके टीम का काफी सहयोग मिला.
आरबीएसके के कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. पुष्पलता ने बताया कि समय पर इलाज शुरू होने के कारण दोनों बच्चे अपनी समस्या को मात देने में सफल रहे तथा सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. किसी भी तरह की विशेष परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर आरबीएसके टीम से संपर्क करें, हर जरूरी मदद की जाएगी, समुचित इलाज भी कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा 18 वर्ष तक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है. इस दौरान जो बच्चे जन्मजात विकृति से ग्रसित है, उनका उपचार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम के तहत के किया जाता है.
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अभय प्रताप ने बताया कि योजना के माध्यम से 18 साल तक के बच्चों का 37 तरह की बीमारियां जिनमें कटे होंठ, कटे तालू, टेढे़ पैर, न्यूरल टयूब डिफेक्ट, जन्मजात बहरापन, मोतियाबिन्द इत्यादि का निःशुल्क इलाज कराया जाता है. आंगनबाड़ी केंद्र से इस बारे में विस्तृत जानकारी की जा सकती है.