पंचतत्व ही भगवान हैं, इनकी सेवा करना प्रत्येक प्राणी का प्रथम दायित्व: वॉटर वुमेन
सीतापुर जिले में वॉटर वुमेन को मिला संतों, आचार्यों और विद्यार्थियों का संग
जन-समूह को वॉटर वुमेन ने दिलाई जल शपथ, पौधारोपण को भी किया प्रेरित
सीतापुर: पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक माँ गोमती के किनारे कंटीली झाड़ियों को चीरती हुईं लगातार आगे बढ़ रही हैं. सीतापुर जिले में वॉटर वुमेन को पदयात्रा में संतों, आचार्यों और विद्यार्थियों का संग मिला. माँ गोमती के जयकारों के बीच वॉटर वुमेन ने जन-समूह को जल शपथ दिलाई एवं पौधारोपण करने का आह्वान किया.
उल्लेखनीय है कि पंच तत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक ने 28 फरवरी को पीलीभीत जिले में माधोटांडा स्थित उद्गम स्थल पर पूजा-अर्चना कर माँ गोमती की पद यात्रा पर जाने का संकल्प लिया था. 1 मार्च को उद्गम स्थल पर ही केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल पहुंचे थे, उन्होंने दंड को पवित्र जल में स्नान कराने के बाद दंड एवं भिक्षा देकर वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक को पद यात्रा पर शुभकामनाओं के साथ रवाना किया था.
वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी और हरदोई जिले की सीमा को पार कर शनिवार को सीतापुर जिले में प्रवेश कर गई थीं. सीतापुर जिले के मिस्रिख, रूदाव्रत और चक्रतीर्थ, गोमताल आश्रम पर दर्शन पूजन करते हुये वॉटर वुमेन ने रविवार को नैमिषारण्य स्थित आश्रम पर यात्रा को विश्राम दिया था। सोमवार को प्रातःकाल में वॉटर वुमेन ने पदयात्रा शुरू की तो, संतों, आत्मानंद गुरुकुल के आचार्यों और विद्यार्थियों ने भी पदयात्रा में भाग लिया, इसके बाद औरंगाबाद होते हुये पदयात्रा कैलाश आश्रम पहुंची, जहाँ वॉटर वुमेन का जोरदार स्वागत किया गया. माँ गोमती के जयकारों के उद्घोष के बीच वॉटर वुमेन ने उपस्थित जन-समूह को जल शपथ दिलाई एवं पौधारोपण करने को प्रेरित किया. वॉटर वुमेन ने कहा कि पंच तत्व ही प्राण हैं, पंच तत्व ही साक्षात् भगवान हैं, इनकी सेवा करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं. उन्होंने कहा कि पंच तत्वों का प्रत्येक प्राणी पर ऋण है, जिस ऋण को उतारना सभी का प्रथम दायित्व होना चाहिये.
यह कर चुकी हैं वॉटर वुमेन
वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक माँ नर्मदा की 3000 किलोमीटर की अद्भुत आध्यात्मिक परिक्रमा कर चुकी हैं. माँ शिप्रा, माँ सरयू, कैलाश मानसरोवर और ब्रज चौरासी की यात्रा के साथ मेकल पर्वत की परिक्रमा कर चुकी हैं. वॉटर वुमेन ने माँ नर्मदा और माँ शिप्रा की यात्रा पर पुस्तक भी लिखी है, उनकी लिखी पुस्तक रेवा बेहद लोकप्रिय मानी जाती है. वे माँ गोमती की पद यात्रा पूर्ण होने के बाद भी पुस्तक लिखेंगी. शिप्रा पाठक बदायूं जिले के कस्बा दातागंज की मूल निवासी हैं, उनकी दादी संतोष कुमारी पाठक कई दशक तक विधायक रही हैं,
उनके पिता डॉ. शैलेश पाठक भी विधान सभा का चुनाव लड़ चुके हैं एवं वरिष्ठ भाजपा नेता हैं. शिप्रा पाठक राजनीति और विजनेस को छोड़ कर पंच तत्वों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकी हैं, वे एक करोड़ पौधे लगाने का संकल्प ले चुकी हैं, इस क्रम में 10 लाख से अधिक पौधे लगवा चुकी हैं. वॉटर वुमेन नदियों के घाटों पर सफाई अभियान चलाने के लिए जानी जाती हैं.