एक-एक निवेशक से करें संवाद, जमीन पर उतारें हर निवेश प्रस्ताव: मुख्यमंत्री योगी
जीआईएस-2023 की अभूतपूर्व सफलता के बाद निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर मुख्यमंत्री का फोकस
शीघ्र गठित होगा ‘राज्य राजधानी क्षेत्र’, मुख्यमंत्री ने मांगी कार्ययोजना
वाराणसी व आस-पास के जिलों के लिए तैयार करें एकीकृत विकास योजना: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राधिकरणों में अर्बन टाउन प्लानर की होगी तैनाती
H3N2 इन्फ्लूएंजा की हो संक्रमण दैनिक मॉनीटरिंग, मरीज को तत्काल मिले चिकित्सा सुविधा
मुख्यमंत्री का निर्देश, कार्यालयों में ही जनसुनवाई करें अधिकारी, आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान
काशी के मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र सहित अयोध्या में राम की पैड़ी व नया घाट पर स्वच्छता के निर्देश
दशकों पुराने जर्जर माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना विकास के लिए मुख्यमंत्री ने मांगी कार्ययोजना
लोगों को सही और समय पर मिले बिजली बिल: मुख्यमंत्री
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बुधवार को विभिन्न मंत्रीगणों, विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गणों के साथ अयोध्या और वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की. विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए अनेक दिशा-निर्देश भी दिए..
● ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्साहपूर्वक भाग लेने वाले एक-एक निवेशक से संपर्क कर उनकी आवश्यकताओं-अपेक्षाओं को जानें और नीतियों-नियमों के अनुरूप उन्हें तत्काल उसका लाभ दिलाया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि निवेशकों से जुड़ी कोई भी फाइल अनावश्यक लंबित न रहे. औद्योगिक विकास आयुक्त स्तर से एमओयू की साप्ताहिक विभागवार समीक्षा की जाए. कोई समस्या हो तो मुख्य सचिव को अवगत कराएं, तत्काल समाधान निकालें.
● प्रदेश में स्थापित हो रहीं औद्योगिक इकाइयों/कंपनियों को स्किल्ड/सेमी स्किल्ड/अनस्किल्ड मैनपॉवर की आवश्यकता होगी. हमारे आईटीआई के प्रशिक्षार्थियों के लिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम के अंतर्गत इकाइयों में प्रशिक्षण के लिए युवाओं को अवसर दिलाएं. नई स्थापित होने जा रहीं इकाइयों के साथ संवाद करते हुए युवाओं को अधिकाधिक लाभ दिलाया जाए.
● निवेशकों की सुगमता के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना अंतर्गत ‘उद्यमी मित्रों की तैनाती तत्काल कर दी जाए. राष्ट्रीय स्तर, अथॉरिटी लेवल और हर जिले में न्यूनतम उद्यमी मित्र की तैनाती कर दी जाए. चयन में पारदर्शिता हो और योग्य युवाओं का ही चयन करें.
● विगत कुछ दिनों में H3N2 इन्फ्लूएंजा संक्रमण की स्थिति देखी जा रही है. शासन सहित सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड रहे. हर जिलों में इसके मरीजों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाए. एक-एक मरीज को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं. आम लोगों को इसके लक्षणों की पहचान और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाए. कोविड के केस भी बढ़ रहे हैं, स्थिति पर सतत नजर बनाए रखें, आवश्यकतानुसार टेस्टिंग बढ़ाई जाए.
● समन्वित और संतुलित विकास के लिए राजधानी के रूप में लखनऊ की क्षमताओं को विस्तार देने के उद्देश्य से लखनऊ और आस पास के जिलों को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ का गठन किया जाना है. राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है. विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं. आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में एससीआर का गठन समन्वित विकास की दृष्टि से उपयोगी होगा. राज्य राजधानी क्षेत्र की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर आगामी 02 सप्ताह में प्रस्तुत करें.
● प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप आज पुरातन काशी काशी नगरी आज ‘नेचर कल्चर और एडवेंचर’ का संगम बन रही है. काशी में हुए विकास कार्यों से आस-पास के जिलों के पोटेंशियल में भी विस्तार हुआ है. ऐसे में हमें इंटीग्रेटेड रीजनल डिवलेपमेंट प्लानिंग पर फोकस करना चाहिए. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की भांति नियोजित विकास के उद्देश्य से जनपद वाराणसी व इसके सीमा से लगे जनपद भदोही, गाजीपुर, बलिया, चंदौली को जोड़ते हुए एकीकृत विकास योजना तैयार करें. पूर्वी उत्तर प्रदेश के आर्थिक प्रगति को तेज रफ्तार देने के उद्देश्य से यह प्रयास महत्वपूर्ण हो सकता है. आवास विभाग द्वारा प्रारंभिक अध्ययन के साथ अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए.
● प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज वाराणसी में जल, थल और वायु परिवहन की अभूतपूर्व परिवहन सेवा उपलब्ध है. अब शीघ्र ही यहां रोप-वे सेवा भी उपलब्ध होगी. रोप-वे निर्माण कार्य का यथाशीघ्र शिलान्यास कराते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाए.
● देश के सभी प्रमुख शहरों में उत्तर प्रदेश का सूचना और पर्यटन केंद्र अवश्य हो. इसके माध्यम से प्रदेश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और औद्योगिक संभावनाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए.
● हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में अर्बन टाउन प्लानर की तैनाती की जाए. परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें. विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, स्थानीय प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी, किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी बसने न पाएं. प्राधिकरणों में मैनपॉवर की कमी न हो. आवश्यकतानुसार नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं.
● बिजली बिल के समयबद्ध भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इसके लिए यह जरूरी है कि लोगों को समय पर सही बिल मिले. ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करता है. इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस कार्ययोजना बनानी होगी. ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है.
● बिजली के तारों को भूमिगत किये जाने की कार्यवाही को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए. केबल टीवी/इंटरनेट ब्रॉडबैंड कनेक्शन आदि के लटकते-झूलते तारों का समुचित समाधान किया जाए.
● मुख्य सचिव स्तर के सभी 17 स्मार्ट सिटी में संचालित परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए. शहरों में लगे होर्डिंग/बैनर के लिए स्थान चिन्हित हों. मनमाने ढंग से होर्डिंग/बैनर न लगे. होर्डिंग के स्थान पर ‘डिस्प्ले बोर्ड’ को प्रोत्साहित करें। इस संबंध में आवास विभाग द्वारा स्पष्ट नीति तैयार की जाए. यह प्रयास राजस्व वृद्धि और नगर के सौंदर्यीकरण में सहायक सिद्ध होगा.
● महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के संकल्प की पूर्ति में “सेफ सिटी परियोजना” अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है. विभिन्न वित्तीय निकायों /व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए तथा उसे आईटीएमएस से इंटीग्रेट किया जाए. अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए 17 शहरों को ‘सेफ सिटी’ बनाने के रूप में विकसित किया जाए. उत्तर प्रदेश 17 सेफ सिटी वाला पहला प्रदेश हो सकेगा.
● लखनऊ के साथ-साथ वाराणसी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्य, मां विंध्याचलधाम, माँ शाकुम्भरी देवी धाम, माँ ललिता देवी धाम, माँ पाटेश्वरी धाम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थलों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती है. विगत दिनों ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हमारी टीम ने ट्रैफिक मैनेजमेंट का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया था. चैत्र नवरात्र के दौरान इसी प्रकार इन महत्वपूर्ण स्थलों के लिए योजना बनानी चाहिए. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यहां की व्यवस्था का निरीक्षण करते रहें. चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकधिक प्रयोग करें.
● वाराणसी में मणिकर्णिका घाट व हरिश्चंद्र घाट पर स्वच्छता कार्यों को और व्यवस्थित किये जाने की आवश्यकता है. दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए यहां शौचालय की व्यवस्था हो. कई निजी औद्योगिक संस्थाओं ने इस कार्य मे सहयोग की इच्छा जताई है, उनसे संवाद कर आवश्यक कार्यवाही की जाए. वाराणसी में वरुणा कॉरीडोर का निर्माण कार्य अभी अधूरा है. इसे यथाशीघ्र पूरा कराया जाए.
● अयोध्या में राम जी की पैड़ी और नया घाट पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाये जाएं. सिंचाई विभाग द्वारा इन घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को भी स्वच्छता अभियान से जोड़ें.
● प्रदेश मेंबहुत से पुराने माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनकी प्रदेश के शैक्षिक माहौल को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. राज्य सरकार से सहायता प्राप्त इन माध्यमिक विद्यालयों में आज अवस्थापना सुविधाओं के विकास की आवश्यकता है. ऐसे में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के व्यापक हित को देखते हुए प्रबंध तंत्र की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं ध्यान रखते हुए इन विद्यालयों के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए.
● मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, डीआईओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आम जन से मिलें, उनकी शिकायतों/समस्याओं को सुनें और मेरिट के आधार पर निस्तारित करें। जनसुनवाई कार्यालयों में ही हो.
● गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए मातृभूमि योजना प्रारंभ की जा रही है. बड़ी संख्या में लोगों ने इस योजना से जुड़कर अपने गांव में अपने पूर्वजों के नाम पर भवन, सड़क, कम्युनिटी सेंटर, आदि बनवाने की इच्छा जताई है. अधिकाधिक लोगों से संवाद स्थापित कर उन्हें इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए.
● आम जनवीवन के लिए समस्या बन रहे आवारा कुत्तों के स्थायी समाधान के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए. सभी प्रमुख नगरों में एनिमल बर्थ कंट्रोल यूनिट की स्थापना की जानी चाहिए. संबंधित विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जाए.
● गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जाती है. इस बार हमें समय से तैयारी कर लेनी चाहिए. अग्निशमन दस्ता हर समय तैयार रहे. खेत खलिहान व वनों में आग लगने की घटनाओं पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जाए.
● बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास विभाग नंद गोपाल गुप्ता, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह की उपस्थिति रही.