Surya Satta
उत्तर प्रदेशराष्ट्रीयलखीमपुर खीरी

तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेजे गये लखीमपुर मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी(Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा(Ashish Mishra) की पुलिस कस्टडी पर लखीमपुर कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बाद में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा को तीन दिनों की पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है.
दरअसल, आशीष लखीमपुर के तिकुनिया कांड का मुख्य आरोपी है. उसे बीते आठ अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश होना था. मगर आशीष तय वक्त पर पुलिस के सामने नहीं पहुंचा और पुलिस उसका इंतजार करती रही. उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे को लेकर यूपी सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे.
 आखिरकार, तमाम उठापटक के बाद आशीष मिश्रा 9 अक्टूबर को तय वक्त से पहले ही पूछताछ में शामिल होने के लिए पुलिस के सामने पेश हो गया. जहां बीते शनिवार को देर रात 11 घण्टे की पूंछतांछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.
बता दें कि इस मामले की रिमांड मजिस्ट्रेट दीक्षा भारती ने सोमवार तक आरोपी आशीष मिश्रा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था और सोमवार को सुनवाई की डेट लगाई थी. आज सोमवार को सीजेएम चिंतामणि की अदालत में सुनवाई हुई. अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सीजेएम सुनने के बाद रिमांड पर भेजे जाने का फैसला सुरक्षित रखा है.
इस मामले पर वरिष्ठ लोक अभियोजन एसपी यादव ने बताया कि आज सुनवाई हुई है. हमने मजिस्ट्रेट के सामने पुलिस कस्टडी रिमांड पहले से ही दी हुई है. अब बचाव पक्ष को अदालत ने सुना है. पुलिस ने अदालत के सामने पुलिस रिमांड की अर्जी दी है.  इस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है. उधर आरोपी के वकील अवधेश सिंह ने पत्रकारों को बताया कि वो पुलिस रिमांड की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की थी जिस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है.
लखीमपुर हिंसा मामले में सीजेएम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के 14 दिनों के रिमांड मांगे जाने में पक्ष सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. आशीष मिश्रा के पक्ष की तरफ से सीनियर अधिवक्ता अवधेश दुबे और अवधेश सिंह, रामाशीष मिश्रा, रमेश मिश्रा और शैलेंद्र सिंह गौड़ ने पक्ष रखा. अभियोजन के वकील ने 14 दिनों की पुलिस रिमांड मांगी थी. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि 12 घंटे लंबी पूछताछ की गई है. पानी तक मांगने पर ही दिया गया. पुलिस अब और क्या पूछताछ करना चाहती है. बचाव पक्ष के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए आशंका जताई कि पुलिस कस्टडी के दौरान उसे यातना भी दी जा सकती है.
वही आरोपी आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने सवाल उठाए हैं कि उनके मुवक्किल से पुलिस ने सुबह 10.40 से लेकर रात 11 बजे तक पूछताछ की, यह रिकॉर्ड पूछताछ है. यूपी में शायद ही इतनी लंबी पूछताछ किसी से हुई हो, पर इसके बाद भी क्या पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है.  जो वह उनके मुवक्किल को रिमांड पर लेना चाहती हैं? अवधेश सिंह ने बताया कि उनके मुवक्किल ने पुलिस को दंगल स्थल पर उनकी मौजूदगी के 100 से ज्यादा फोटो वीडियो फुटेज और तमाम सबूत दिए हैं. पुलिस के पास गिरफ्तारी का कोई ठोस सबूत नहीं है. इसीलिए पुलिस उनके मुवक्किल को परेशान कर रही है. उन्होंने कहा कि अदालत में हम अपना पक्ष रखेंगे.

दो बजे सुरू हुई थी सुनवाई

गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की पुलिस रिमांड पर सुनवाई 2 बजे हुई. सीजेएम अदालत में 13 नम्बर कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई हुई. इससे पहले कोर्ट में जेलर, सीजेएम से मिलने पहुंचे. बचाव पक्ष के वकील अवधेश कुमार सिंह भी कोर्ट पहुंचे. जेल के आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है. टीवी चैनलों के कैमरे और मीडिया की गहमागहमी भी देखी जा रही है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, 3 अक्टूबर को हादसे के बाद उपजी हिंसा में 3 किसानों और एक पत्रकार की मौत के साथ ही 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं और मंत्री के ड्राइवर की भी मौत हो गई थी. इस मामले में चार अक्टूबर को किसान जगजीत सिंह की तहरीर पर मुख्य आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर धारा 302, 304 आईपीसी समेत तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने सात अक्टूबर को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर आठ अक्टूबर को सुबह 10 बजे पुलिस लाइंस में संबंध किया था. मगर शुक्रवार को पुलिस इंतजार करती रही. लेकिन आरोपी आशीष मिश्रा पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुए थे

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