आशा अपने सामने ही फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएं: मोहिनी
सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सीएचसी के चिकित्सक डॉ. जय प्रकाश ने अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों, कर्मचारियों एवं तीमारदारों के साथ सामूहिक रूप से फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया।
इस मौके पर बीसीपीएम मोहिनी जायसवाल ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इस अभियान के तहत आइवरमेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन(डीईसी) और एल्बेंडाजोल की गोलिया खिलाई जा रहीं है।
आशा कार्यकर्ता फाइलेरिया से बचाव की यह दवाएं घर-घर लेकर जा रहीं हैं और लोगों को अपने सामने ही खिला रहीं हैं। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने सामने ही खिलाएंगी, किसी भी दशा में दवा का वितरण न करें। फाइलेरिया रोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को करनी है।
उन्होंने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ ,व्यक्तियों में जी मितलाने, चकत्ते पड़ना, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों के खत्म होने के कारण इस तरह के लक्षण होते हैं। यह लक्षण कुछ देर में समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।