Surya Satta
राजस्थान

लंग्स कैन्सर से पीडित गणपतलाल को जीवनदान देने की मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से गुहार : धर्मेंद्र गहलोत

शिवगंज/राजस्थान : राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेेन्द्र गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं शिक्षा मंत्री डाॅ.बी.डी.कल्ला को ज्ञापन भेजकर लंग्स कैन्सर की स्टेज-4 से पीडित गणपतलाल अध्यापक लेवल-1 राउमावि वरली तहसील पिण्डवाडा जिला सिरोही को माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर के एस बी सिविल रीट पिटिशन नं 12163/2022 के आधार पर पीडित को राहत देने की बजाय निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा परिवेदना को गलत तरिके से खारिज कर स्थानान्तरण में पीडित के साथ किये गये अन्याय पर पुर्नविचार कर पीडित को इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण करवाकर जीवनदान देने की मांग की.

 

शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेेन्द्र गहलोत ने ज्ञापन में बताया हैं कि गणपतलाल अध्यापक लेवल-1 राउमावि वरली तहसील पिण्डवाडा जिला सिरोही लंग्स कैन्सर की स्टेज-4 से ग्रसित हैं. कैन्सर का प्रभाव पूरे शरीर में फैल चुका हैं. जिससे उनके शरीर की स्थिति दयनीय होती जा रही हैं. उनकी पत्नी भी न्युरो समस्या से ग्रसित होने के कारण ज्यादा समय अपने पीहर मे ही रहती हैं. पीडित के मूल निवास स्थान सेन्दला तहसील बाली जिला पाली से पदस्थापन स्थान वरली पिण्डवाडा से 50 किमी दूर होने से उनकी विषम परिस्थिति के मध्य नजर स्वास्थ्य की देखभाल ठीक से नही हो पाने से गणपतलाल मानसिक एवं शारीरिक रूप से बहुत ही पीडित हैं. इस पर पीडित द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में एस बी सिविल रीट पिटिशन नं 12163/2022 दायर की जिस पर माननीय न्यायालय ने पीडित की व्यथा को सुनकर विभाग को 6 सप्ताह में परिवेदना निस्तारण कर मूल निवास स्थान के नजदीक लगाने के निर्देश दिये.

 

लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात हैं कि कोर्ट के आदेश की पालना में निदेशालय स्तर पर दिनांक 23.12.2022 को जारी आदेश में लंग्स कैन्सर की स्टेज-4 से ग्रसित व्यक्ति की पीडा को नजर अन्दाज कर मानननीय न्यायालय के आदेश का अध्ययन किये बगैर निदेशालय द्वारा यह इंगित किया गया हैं कि ’’कामिर्क की पारिवारिक परिस्थितियों के आधार पर कार्मिक के पक्ष में स्थानान्तरण का अधिकार सृजित नहीं होता हैं. यह कहकर लंग्स कैन्सर पीडित अपिलार्थी का अभ्यावेदन मांग उचित नहीं पाये जाने के कारण अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन की मांग को अस्वीकृत कर अभ्यावेदन को निस्तारित किया जाना पीडित को आहत एवं मृत्यु के ग्रास की ओर ले जाने जैसा प्रतित होता हैं . जबकि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए जीवन एवं मृत्यु के लिए संधषर् कर रहे लंग्स कैन्सर की स्टेज-4 से पीडित गणपतलाल अध्यापक लेवल-1 राउमावि वरली तहसील पिण्डवाडा जिला सिरोही को माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर के एस बी सिविल रीट पिटिशन नं 12163/2022 के आधार पर अभ्यावेदन स्वीकार कर पीडित को इच्छित स्थान राउमावि सेन्दला (221337) तहसील बाली जिला पाली में स्थानान्तरण करवाकर पीडित को राहत देने की मांग की जिससे वह तब तक जीवित रह सके जब तक उसका जीवन हैं.

 

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