एएनएम अब और दक्ष होकर बेहतर तरीके से काम कर सकेंगी : सीएमओ
नव नियुक्त एएनएम के 12 दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ
लखीमपुर खीरी : स्वास्थ्य कार्यक्रम की गतिविधियों को अच्छी तरह से संचालित करने के उद्देश्य से नवनियुक्त आक्सीलिएरी नर्स मिडवाइफ (एएनएम) के 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को हुआ. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने अपने कार्यालय के सभागार में आयोजित इस इस प्रशिक्षण शिविर का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती व बच्चों की देखभाल के साथ टीकाकरण, जांच, संस्थागत प्रसव व अन्य सहायता के लिए एएनएम की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हैं. इस प्रशिक्षण से निश्चित रूप से सभी नव नियुक्त एएनएम को लाभ होगा. इसके साथ ही वह दक्ष होकर स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन काम कर सकेंगी जिससे मरीजों का उपचार करने में उन्हें किसी तरह की परेशानी न होने पाएगी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 26 प्रशिक्षणार्थी प्रतिभाग कर रहीं हैं.
प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य(आरसीएच) के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थी को स्वास्थ्य विभाग से संबंधित तमाम कार्यों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाएगी. जिसमें स्वास्थ्य विभाग की तमाम सुविधाओं समेत अन्य आवश्यक जानकारी शामिल है.
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान मुख्य रूप से मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य, प्रसव के समय होने वाली कठिनाइयों और दुघर्टनाओं से बचने का तरीका और उपचार, परिवार नियोजन और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी. जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता लल्ला सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सभी एएनएम को अपने कर्तव्यों के प्रति वचनबद्ध होकर कार्य करने की भी सलाह दी जाएगी जिससे कि लाभार्थी को किसी तरह की कोई समस्या न होने पाए.
इस मौके पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. बीसी पंत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. राजाराम यादव, जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनिल कुमार यादव और उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
एएनएम के कार्य
एएनएम प्रत्येक बुधवार-शनिवार को उप स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर गर्भवतियों, धात्रियों, शिशुओं और बच्चों को स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न तरह की सेवाओं का लाभ देती हैं. स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचकर गर्भवतियों व बच्चों की जांच भी करती हैं. डोर टू डोर अभियान के साथ सार्वजनिक स्थलों पर शिविर करती हैं. एएनएम को 49 प्रकार की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.
इसमें बीपी मशीन, स्टेथोस्कोप (आला), दो वजन मशीन (बच्चों-बड़ों के लिए), हब कटर, स्टेडियो मीटर, पेट जांचने के लिए टेबल-तख्त, एनाफायलेक्सिस किट, ईसीपी पैकेट, मूत्र परीक्षण स्ट्रिप्स व संग्रह कप, एचआइवी किट, सिफलिस किट, फेटोस्कोप एंड डापलर, एचबी परीक्षण स्ट्रिप, आयरन, कैल्शियम, जिंक समेत कई प्रकार की सामान्य दवा, गर्भनिरोधक सामग्री व स्टेशनरी शामिल है.