Surya Satta
उत्तर प्रदेशलखीमपुर खीरी

लखीमपुर हिंसा मामला: प्रमुख आरोपी सुमित जायसवाल समेत 4 लोग गिरफ्तार

लखनऊ। पुलिस क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी जनपद अन्तर्गत सदर कोतवाली थानाक्षेत्र के अयोध्यापुरी निवासी सुमित जायसवाल पुत्र स्वर्गीय ओम प्रकाश जायसवाल, बनवीरपुर निवासी शिशुपाल पुत्र बहोरीलाल, गाजीपुर में फैजाबाद रोड पर स्थित लक्ष्मणपुरी कॉलोनी निवासी नंदन सिंह बिष्ट पुत्र बच्ची सिंह थाना कौशांबी के करारी निवासी सत्य प्रकाश उर्फ सत्यम त्रिपाठी पुत्र चंद्रशेखर त्रिपाठी उर्फ महावीर को क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया. इनमें से सत्यम त्रिपाठी के पास से एक जिंदा कारतूस भी बरामद की गई हैं.
तीन अक्टूबर को तिकोनियां में डिप्टी सीएम और खीरी के सांसद एवं गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए किसानों पर गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पर थार चढ़ाने का आरोप है. इस मामले में थार के पीछे एक फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी थी. आरोप है कि ये गाड़ियां भी किसानों को रौंदते हुए तेज रफ्तार से निकली थीं. इनमें से थार और फार्च्यूनर में आगजनी हो गई थी. वहीं स्कार्पियो तेजी से निकल भागी थी. एसआईटी टीम ने इस मामले को लेकर किसानों की एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही सुमित जायसवाल की तलाश कर दी थी. सुमित जायसवाल ही वो शख्स है, जो थार में था और जिंदा बचा है. तीन अक्टूबर को थार से किसानों को रौंद दिया था. इसके बाद उपजी हिंसा और आगजनी में सुमित ही वो शख्स है, जिसकी गवाही महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
एसआईटी जिन सवालों के जवाब ढूंढ रही, उनके जवाब सुमित से मिल सकते हैं. इनमें सबसे अहम सवाल है कि थार में क्या तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा था या नहीं, वहीं फार्च्यूनर में सवार ड्राइवर और स्कार्पियो का ड्राइवर भी मुंह खोलेंगे तो वारदात के कई राज सामने आएंगे.
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की थार गाड़ी किसानों पर चढ़ गई थी, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. बाद में हुई हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. इस काण्ड को लेकर सोमवार को भी देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 घंटे तक रेल रोको अभियान चलाया था. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग लगातार किसान कर रहे हैं.

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