अनुशासन, शिक्षा और समाजसेवा के प्रेरणास्रोत: प्रो. विपिन सिंह
उन्नाव। शिक्षा मानव जीवन का आधार स्तंभ है, और इसे संवारने में गुरुजनों की महती भूमिका होती है। मेरे जीवन में भी अनेक गुरुओं ने समय-समय पर मार्गदर्शन, संस्कार, प्रेरणा और ज्ञान प्रदान किया, जिससे मेरे व्यक्तित्व और विकास की यात्रा सशक्त बनी। यदि मैं अपने समस्त शिक्षा-चक्र की तुलना करूं, तो बी.एड. पाठ्यक्रम के दौरान मुझे सबसे अधिक सीखने को मिला।
डी.एस.एन. पी.जी. कॉलेज, उन्नाव के बी.एड. विभाग में जिन गुरुजनों की विशेष कृपा मुझ पर रही, उनमें प्रोफेसर रेखा सक्सेना (HOD), प्रोफेसर ममता चतुर्वेदी, प्रोफेसर सुनील कुमार वर्मा, प्रोफेसर विपिन सिंह, प्रोफेसर गीता श्रीवास्तव और डॉ. जुगेश कुमार प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन सभी ने न केवल शिक्षा प्रदान की, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से जूझने की शक्ति भी दी।
अनुशासनप्रियता और दृढ़ निश्चय के प्रतीक बी.एड. के दौरान जिन गुरुजनों का मेरे व्यक्तित्व निर्माण में विशेष योगदान रहा, उनमें प्रो. विपिन सिंह एक अनुशासनप्रिय और दृढ़ व्यक्तित्व के रूप में सदैव मेरे मार्गदर्शक रहे। वे विद्यार्थियों से कठोर अनुशासन की अपेक्षा रखते थे और शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय थी। उनके मार्गदर्शन में रहते हुए मैं अनुशासन के महत्व को समझ पाया और जीवन में इसे आत्मसात किया।
बी.एड. के पश्चात भी, प्रो. विपिन सिंह का स्नेह और आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। उन्होंने कई बार मेरे घर आकर शुभकामनाएँ दीं और जहां-जहां मैंने शिक्षण कार्य किया, वहां भी पहुंचकर मेरा मार्गदर्शन किया। उनके प्रेरणास्पद विचारों और अनुशासनात्मक शिक्षाओं के कारण मैंने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त कीं, जैसे विश्व रिकॉर्ड बनाना, दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन, शिक्षा और साहित्य में उत्कृष्ट योगदान तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला एवं कौशल का प्रदर्शन।
नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्मानित प्रो. विपिन सिंह के शिक्षा, साहित्य, समाज और संस्कृति के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान को सम्मानित करने के लिए डी.एस.एन. पी.जी. कॉलेज, उन्नाव के बी.एड. सभागार में भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
इस समारोह में कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे:
मुख्य अतिथि: साहित्यकार डॉ. देवेंद्र कश्यप ‘निडर’ ने कहा कि प्रो. विपिन सिंह ने संघर्ष और दृढ़ निश्चय के बल पर सफलता के अनेक शिखर छुए हैं।
विशिष्ट अतिथि: प्रो. फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि उनका कार्यक्षेत्र बहुआयामी है और उन्होंने अनेक संस्थानों की गरिमा बढ़ाई है।
प्रो. अजय यादव ने उन्हें राष्ट्रप्रेम, भारतीय संस्कृति, शैक्षिक चेतना, सामाजिक न्याय और साहित्यिक आलोचना का अद्वितीय व्यक्तित्व बताया।
मुख्य वक्ता प्रवक्ता चंद्रशेखर प्रजापति ने उनके लेखन और सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा जगत को सुवासित किया है।
प्रो. सुनील वर्मा ने उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
बी.एड. संकाय की विभागाध्यक्ष प्रो. ममता चतुर्वेदी ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. विपिन सिंह की अनुशासनप्रियता और शैक्षणिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
इस आयोजन में प्रभारी प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार वर्मा की विशेष परिकल्पना रही। विनीत गहलावत (जिला युवा अधिकारी, नेहरू युवा केंद्र) ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में प्रो. सिंह जैसा ऊर्जावान व्यक्ति नहीं देखा।
इसके अलावा,
कैप्टन रवि रंजन (आईटीआई ए.एन.ओ.) और सूबेदार मेजर नवीन (एन.सी.सी. 57 बटालियन) ने उनकी अनुशासनप्रियता की सराहना की।
कार्यक्रम का आयोजन डॉ. जुगेश कुमार द्वारा किया गया और संचालन डॉ. मनीष त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर प्रेरणा स्रोत मोहम्मद शरीफ (छात्राध्यापक) सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
समाज को दिशा देने वाला व्यक्तित्व प्रो. विपिन सिंह ने अपने जीवन में शिक्षा, साहित्य और समाज के लिए जो योगदान दिया है, वह अत्यंत प्रेरणास्पद है। उनका अनुशासनप्रिय स्वभाव, शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और समाज को नई दिशा देने की क्षमता उन्हें एक विशिष्ट व्यक्तित्व बनाती है। उनके मार्गदर्शन में अनगिनत विद्यार्थी प्रेरित हुए और आगे भी होते रहेंगे। उनके इस सम्मान के लिए मैं हृदय से उन्हें शुभकामनाएँ देता हूँ और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।