100 साल पुराना है अनोगी का मेला, सैकड़ों गांवों से आते हैं लोग
सीतापुर। सीतापुर के अनोगी गांव में होली से एक दिन पहले लगने वाला मेला 100 वर्षों से एक परंपरा बन चुका है। इस साल भी मेले की रौनक देखने को मिल रही है। दुकानदारों ने अमीर गुलाल, खिलौने, मिठाइयां और चाट की दुकानें सजा दी हैं।
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स्थानीय निवासी विनोद सिंह के अनुसार मेले की शुरुआत के बारे में उनके पूर्वजों को भी सटीक जानकारी नहीं थी। यह मेला कम से कम एक सदी से लग रहा है।
मेले में अनोगी, संदना, काकोरी, रामपुर, बेहड़ा और झबरापुरवा समेत आस-पास के सैकड़ों गांवों से लोग पहुंचते हैं। लौली, रालामऊ, भरौना, बरोय, धरौली, बन गुजरेहटा, गिरंट, गंगापुर, महसुई, रामगढ़, गोपालपुर और बरताल के निवासी भी मेले का हिस्सा बनते हैं।
84 कोसी परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु भी वापसी के दौरान इस मेले से अपनी जरूरत की वस्तुएं खरीदते हैं। मेले में बच्चों और बड़ों की भीड़ उमड़ रही है।