बेसिक के इस स्कूल में फाड़े जाते हैं उपस्थित रजिस्टर, एडवांस में होते हैं सिग्नेचर
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में सीतापुर(sitapur) जनपद के गोंदलामऊ(gondlamau) ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय का हाल अजब गजब का है जो शिक्षक स्कूल में पखवाड़े में महज एक बार ही आते हैं. वह रोज आने वाली शिक्षा मित्र(Batchmates) पर रौ गालिब करते हैं धौंस दिखाकर अपनी काली करतूतों को छिपाना चाह रहे हैं अर्थात चोर शिक्षक कोतवाल बने घूम रहे हैं. इस मसले पर बेसिक प्रशासन(Basic Administration) भी मूक दर्शक सा लग रहा है या इस चोरी में इनकी भी मिलीभगत है.
उपस्थित रजिस्टर के पुराने पेज पर मेडिकल लीव फर्जी तरीकें से कराया जाता दर्ज
असल में ये सारा मामला है बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय गौरा का. अगर शिक्षा मित्र की माने तो यह सब निराला खेल कई वर्षों से चल रहा है. इस विद्यालय में नवनीत प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं रेनू और तृप्ती सहयक अध्यापिकाएं हैं तथा गायत्री देबी शिक्षामित्र के पद पर तैनात हैं.
शिक्षा मित्र गायत्री देबी और ग्रामीण जनों का कहना है कि तृप्ती 29 जुलाई को विद्यालय आईं थीं अध्यापक उपस्थित रजिस्टर के पुराने पेज पर एम एल (मेडिकल लीव) जो फर्जी तरीके से लिखवाया था. उस पेज को फाड़ डाला और पूरे महीने के सिग्नेचर कर लिया फिर रेनू भार्गव, गायत्री देबी से नये पेज पर सिग्नेचर करने का दबाव बनाया. इस पर रेनू भार्गव ने तो अपने सिग्नेचर कर दिया.
लेकिन शिक्षा मित्र गायत्री देबी ने इस फाड़े हुए रजिस्टर पर सिग्नेचर करने से मना कर दिया और कहा कि हम आपके इस कार्य संस्कृति से परेशान हो चुके हैं. इसलिए हम नये रजिस्टर पर सिग्नेचर करेंगे.
इस पर तृप्ती ने कहा कि खण्ड शिक्षा अधिकारी की हमारी सांठ गांठ हैं.
लेखाधिकारी मेरे रिश्तेदार हैं मै ऐसे ही स्कूल आऊंगी, 29 तारीख के बाद खबर लिखे जाने तक तृप्ती स्कूल से नदारद थीं. लखनऊ में रह रहे प्रभारी प्रधानाध्यापक नवनीत के भी तृप्ती सिंह ने सिग्नेचर किया था इसलिए जब नवनीत को स्कूल के मामले की भनक लगी तो वह शिक्षा मित्र गायत्री देबी पर फोन के जरिये रौ और धौंस दिखाने लगे तथा स्कूल आकर इन्हें देख लेने की बात कही.
तृप्ती ने चलते वक्त अपने अगले दिन यानि 30 तारीख के प्रथम पाली के एडवांस में सिग्नेचर भी कर दिया थे. तृप्ती के कहने पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने कहा कि जब तक तृप्ती नहीं आ रही तब तक कोई पांच हजार रुपये लें ले और तृप्ती के सिग्नेचर कर दिया करे तो शिक्षा मित्र गायत्री देबी ने साफ मना कर दिया. इस कारण भी नवनीत नाराज चल रहे हैं.
महत्वकांक्षी योजना को भी दिया जाता है ठेंगा
सूत्रों की मानें तो खण्ड शिक्षा अधिकारी शाहीन अंसारी जब 27 जुलाई को स्कूल गई थी तो गायत्री देबी और रेनू भार्गव मोहल्ला पाठशाला के लिए स्कूल से निकली थीं इस पर तृप्ती ने मोहल्ला पाठशाला क्यों जाती हो का सवाल शिक्षा मित्र गायत्री देबी से किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना को भी तृप्ती ठेंगा दिखा रही हैं. मौके की नजाकत देखकर प्रभारी प्रधानाध्यापक नवनीत ने 30 जुलाई को 26 जुलाई से 18 अगस्त तक चिकित्सकीय अवकाश अनुमोदित करा लिया.
इस मसले पर क्या बोले शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष
शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष रामसेवक पाल ने कहा कि शिक्षा मित्रों का उत्पीड़न कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा. चाहे यह उत्पीड़न किसी अधिकारी के द्वारा हो या किसी शिक्षक के द्वारा. जो शिक्षा मित्र सबसे पहले स्कूल जाता है अपने कर्तव्यों पर डटा रहता है उसे प्रताड़ित करना किसी भी सूरत में न्याय संगत नहीं है.
वरना हम शिक्षा मित्र संघर्ष की कोख से जन्में है इंसाफ के लिए कोई भी रास्ता अपना सकते हैं. इसलिए जिम्मेदारों से निवेदन है कि शिक्षामित्र गायत्री देबी को मनोवैज्ञानिक रूप से प्रताड़ित करने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापक नवनीत और सहायक अध्यापिका तृप्ती पर कड़ी से कड़ी सजा दें ताकि भविष्य में फिर से ये लोग कोई सा दुस्साहस न कर सके.