ग्रामीणों की पहल से गांवों में बह रही जागरूकता की बयार
सीतापुर : आमजन को फाइलेरिया से बचाने के लिए बीती 10-28 अगस्त तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान और उसके बाद 29 अगस्त से दो सितंबर तक मॉपअप राउंड चलाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लोगों को इस बीमारी से बचाव की दवा खिलाने का काम किया। इस दौरान सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से हरगांव ब्लॉक मेें गठित फाइलेरिया मरीज सहायता समूह (पीएसजी) के सदस्यों ने लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग किया है। इन सदस्यों ने अभियान शुरू होने से पूर्व ही ग्राम सभाओं की बैठकों, कोटेदार की दुकान, विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों तथा घर-घर जाकर लोगों को बताया कि फाइलेरिया (हाथी पांव) लाइलाज बीमारी है। लेकिन दवा और व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी से बचने के लिए साल में एक बार और तीन साल तक लगातार दवा खाना जरूरी है।
क्या कहते हैं पीएसजी मेंबर
नवीनगर गांव की फाइलेरिया मरीज पूजा ने अपनी दुकान के बाहर फाइलेरिया जागरूकता से संबंधित फ्लैक्स लगा रखा है। वह कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि मेरे बाद कोई दूसरा इस बीमारी की चपेट में न आने पाएं। कोरैया गांव के पीएसजी सदस्य सुरेश मिश्रा ने अपने घर के बाहर जागरूकता वाला फ्लैक्स लगा रखा है। वह कहते हैं कि जागरूकता से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। अधिक से अधिक लोग फाइलेरिया को लेकर को लेकर जागरूक हों, और निर्धारित समय पर फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खाएं। मंगरूआ गांव के पीएसजी सिकन्दर ने भी गांव में फाइलेरिया जागरूकता से संबंधित फ्लैक्स लगा रखा है।
इस तरह बदली गांव की तस्वीर
कोरैया गांव में 2,220 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जानी थी। गांव की एक आशा कार्यकर्ता रिंकी देवी बताती हैं कि गांव के तमाम लोग दूसरे शहरों और प्रांतों में नौकरी करते हैं, सिर्फ वही लोग दवा खाने से छूटे हैं। पीएसजी सदस्य सुरेश मिश्रा द्वारा घर के बाहर लगाया गया जागरूकता वाले फ्लैक्स और सातवीं कक्षा के अंश तिवारी के प्रयासों से इस साल 1694 लोगों को यह दवा खिलाई गई है। जबकि पिछले अभियान में 1425 लोगों को ही फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई थी। नवीनगर गांव में 6720 के सापेक्ष 4937 को और मंगरूआ गांव में 2612 के सापेक्ष 2209 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह बताते हैं कि हरगांव ब्लॉक के नवीनगर गांव गांव में तीन, मुद्रासन में दो और भदेवा, चकजोशी, शेखवापुर, मंगरूआ, बरियाडीह, और कोरैया गांवों में एक-एक पीएसजी हैं। इन सभी में कुल 136 ग्रामीण इन के सदस्य हैं। स्वास्थ्य विभाग और ग्रुप के सदस्य गांव के शिक्षकों, प्रबुद्ध लोगों, बच्चों, राशन डीलर, मरीजों और ग्रामीणों तक इस बीमारी के बारे में जरूरी संदेश पहुंचाने का काम बीते एक साल से कर रहे हैं। पीएसजी के सदस्यों की बैठकों के बाद लोग बीमारी की गंभीरता को समझने लगे हैं और जागरूकता का वातावरण तैयार होने लगा है।