योगी सरकार के बजट में पुलिस विभाग का दिखा दबदबा, मिले 2260 करोड़
बजट में पुलिस विभाग को सबसे बड़ी धनराशि 1400 करोड़ अधिकारियों और कर्मचारियों को आवासीय सुविधा के लिए मिली
850 करोड़ से पुलिस कमिश्नरेट को मिलेगा अपना कार्यालय, एसडीआरएफ काे नये वाहनों के लिए मिले 10 करोड़
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सूबे की सत्ता संभालते ही प्रदेश में अपराध और अपराधियों के लिखाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है. इसी का नतीजा है कि जिस प्रदेश को वर्ष 2017 से पहले पूरे देश में लचर और बीमारू कानून व्यवस्था के जाना जाता था आज उसी उत्तर प्रदेश को मजबूत कानून व्यवस्था के लिए देश ही नहीं विदेशों में भी सराहना मिल रही है. प्रदेश में कानून का राज स्थापित होने से देश ही नहीं विदेशी निवेशक उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. वहीं योगी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और उसके प्रभावी नियंत्रण के लिए 2260 करोड़ रुपये की भारीभरकम धनराशि दी है, इससे जहां पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी आवास की सुविधा मिलेगी, वहीं विभिन्न जिलों के कमिश्नरेट कार्यालय अपनी भूमि पर संचालित होंगे.
850 करोड़ रुपये पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के लिये दिये
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को सुरक्षित माहौल देने, कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के साथ पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. इसके साथ ही महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों को नियन्त्रित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही करके उन्हे सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति योगी सरकार निरन्तर प्रयासरत है.
इसी के तहत प्रदेश के विभिन्न शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को
सुदृढ़ करने के लिए कार्यालय और कार्यालय से जुड़ी अन्य गतिविधियों के संचालन के लिए 850 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. इससे विभिन्न शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को और रफ्तार मिलेगी. इस धनराशि से पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था वाले शहरों में पुलिस विभाग अपनी जमीन पर कार्यालय का निर्माण कर सकेंगे, जो विभिन्न शहरों में अभी किराये पर चल रहे हैं. वह अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कार्यालय का निर्माण समेत अन्य सुविधाओं के लिए इस धनराशि का इस्तेमाल कर सकेंगे.
1400 करोड़ आवासीय सुविधा के लिये दिये
योगी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में सबसे बड़ी धनराशि पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए दिये हैं ताकि प्रदेश के विभिन्न शहरों में तैनात पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आवास के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। योगी सरकार ने पुलिस विभाग को आवासीय सुविधा के लिए एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि दी है. इससे पुलिस विभाग विभिन्न शहरों में अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आधुनिक आवास का निर्माण कर सकेगा. वहीं शहरी क्षेत्रों में आवासीय सुविधा के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में आपदाओं से निपटने वाली एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) को नये वाहनों की खरीद के लिए 10 करोड़ की धनराशि दी गई है ताकि वह और मजबूती से आपदा से निपट सकें.
यह रहीं खास बातें
– जनवरी 2022 से नवम्बर तक वर्ष 2016 के सापेक्ष डकैती में 79.83 प्रतिशत, लूट में 63.49 प्रतिशत, हत्या में 33.89 प्रतिशत, बलवा में 53.22 प्रतिशत, चोरी में 17.22 प्रतिशत और फिरौती के लिए अपहरण में 44 प्रतिशत की कमी आयी है.
– उक्त अवधि में महिलाओं के खिलाफ घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 प्रतिशत, बलात्कार में 21.24 प्रतिशत व अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आयी है.
– प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित 3,41,236 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें से 3,39,552 शिकायतें निस्तारित की गईं. अभियान के अन्तर्गत कुल 68,841.03 हेक्टेयर क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है.
– 23,920 राजस्व वाद, 923 सिविल वाद एवं 4504 एफआईआर दर्ज करायी गयी हैं. 776 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है, वर्तमान में 189 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं.
– साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए प्रदेश के प्रत्येक परिक्षेत्र में साइबर क्राइम पुलिस थाना की स्थापना की गयी है. प्रदेश के समस्त थानों में (1531) साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है. परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर बेसिक साइबर फॉरेंसिक लैब एवं पुलिस मुख्यालय पर एडवांस्ड डिजिटल साइबर फाॅरेंसिक लैब की स्थापना करायी जा रही है.
– कर्तव्य पालन के दौरान शहीद “मृत पुलिस कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों/अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुये 73 शहीद / मृत कर्मियों के आश्रितों को 17 करोड़ 96 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी.