Surya Satta
उत्तर प्रदेशलखनऊ

केंद्र ने योगी सरकार को एसटीपी, पूर्वी काली नदी कायाकल्प को दी हरी झंडी

 

प्रयागराज में 422 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं को मिली मंजूरी

 सलोरी एसटीपी की सीवेज उपचार क्षमता को 43 एमएलडी बढ़ाकर 13 नालों को मोड़ने की है परियोजना

 पूर्वी काली नदी के कायाकल्प को मिले 95.47 करोड़ रुपये

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नदियों को स्वच्छ और निर्मल करने की मुहिम रंग ला रही है. केंद्र सरकार ने योगी सरकार की माँग पर करीब पाँच सौ करोड़ से ज़्यादा की पाँच परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है, जिसमें प्रयागराज की तीन परियोजनाएं और मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर में आठ स्थानों पर इन-सीटू निर्मित आर्द्रभूमि प्रणाली के विकास द्वारा पूर्वी काली नदी का कायाकल्प करने को हरी झंडी दी गयी है. इसके साथ ही फतेहपुर में नागेश्वर धाम आश्रम घाट के कायाकल्प के लिए 2.84 करोड़ रुपये की एक परियोजना स्वीकृत की गई है.

 

प्रयागराज में 422 करोड़ की तीन परियोजनाओं को हरी झंडी

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से प्रयागराज में सलोरी एसटीपी की क्षमता को बढ़ाने, पूर्वी काली नदी का कायाकल्प करने और फतेहपुर में नागेश्वर धाम आश्रम घाट के विकास की माँग की थी. इस पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने उनकी माँगों को पूरा कर दिया है. इसके तहत प्रयागराज में 422 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई, जिसमें सलोरी एसटीपी की सीवेज उपचार क्षमता को 43 एमएलडी बढ़ाकर 13 नालों को मोड़ने की परियोजना शामिल है. एक 20 केएलडी मल कीचड़ सह-उपचार सुविधा का निर्माण भी इस परियोजना का हिस्सा है.

 

पूर्वी काली नदी का होगा कायाकल्प

 

वहीं उत्तर प्रदेश में एक अन्य परियोजना को 95.47 करोड़ रुपये की लागत के साथ मंजूरी प्रदान की गई है, जिसका उद्देश्य मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर में आठ स्थानों पर इन-सीटू निर्मित आर्द्रभूमि प्रणाली के विकास द्वारा पूर्वी काली नदी का कायाकल्प करना है. आर्द्रभूमि निर्माण में ऑक्सीकरण, फिल्ट्रेशन सेगमेंटों के साथ-साथ एक ही स्थान पर जलमार्ग के अंदर पौधारोपण करके क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर फिल्ट्रैशन की व्यवस्था शामिल है. अपनाई जाने वाली इस पद्धति का लाभ यह है कि इसमें नदी की आकृति में कोई परिवर्तन नहीं होता है और बाढ़ के दौरान इसके जलमार्ग में भी कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है. घाट के विकास के लिए, फतेहपुर में नागेश्वर धाम आश्रम घाट के लिए 2.84 करोड़ रुपये की एक परियोजना स्वीकृत की गई है.

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