मेडिकल काॅलेज खुलने से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं उच्च स्तर पर पहुंची : सीएमओ
हरदोई। जिले के हर जरूरतमंद को सही समय पर सही उपचार मुहैय्या कराना स्वास्थ्य विभाग की पहली प्राथमिकता है. इसके लिए विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि किसी को भी इलाज की कमी का सामना न करना पड़े. इन स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सही मायने में धरातल पर उतारने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसका लाभ लेने के लिए प्रेरित करने का काम मीडिया ही कर सकता है. यह बातें सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी(CMO) डॉ. सूर्यमणि त्रिपाठी (Dr. Suryamani Tripathi) ने कहीं.
सीफार के सहयोग से स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण कार्यशाला आयोजित
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सूर्यमणि त्रिपाठी कहा कि जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने से निश्चित रूप से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं उच्च स्तर पर पहुंचेगी, अभी तक तमाम बीमारियों के लिए मरीजों को लखनऊ रेफर किया जाता था. लेकिन अब जिले में ही मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेगी. सीएमओ ने कहा कि सीफार संस्था स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को जनसमुदाय तक पहुंचाने में सराहनीय भूमिका निभा रही है. मीडिया वर्कशाप पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रचार-प्रसार में मीडिया का अहम योगदान है.
एसीएमओ डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में 10 बेड के न्यू बॉर्न केयर यूनिट और 20 बेड के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) की स्थापना की गई है. परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिले में स्थायी और अस्थायी परिवार नियोजन के साधन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध हैं. परिवार नियोजन की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्रों सास-बेटा-बहू सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले के कई स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में उच्चीकृत किया गया है. इन केंद्रों पर प्रशिक्षित कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) की तैनाती की गई है. उच्च जोखिम वाली गर्भवती के सुरक्षित प्रसव के लिए हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाता है.
एसीएमओ डॉ. धीरेंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभागों के समन्वय से बीते कई सालों से संचारी रोगों पर नियंत्रण पाया गया है। मच्छरों की रोकथाम और जन समुदाय को बीमारी रहित बनाने के लिए फागिंग की जा रही है। जिला क्षय राेग अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह अजमानी ने बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप देश को 2025 तक टीबी से मुक्त करने के अभियान में जिले का क्षय रोग विभाग पूरी तत्परता से जुटा है। इस अभियान को मीडिया के सहयोग से समय से पहले पूरा किया किया जा सकता है.
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. प्रशांत रंजन ने बताया कि जिले में 29 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जिसमें से 26 लाख लोगों को पहली डोज और तीन लाख लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं. नियमित टीकाकरण के तहत प्रत्येक बुधवार व शनिवार को स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। हम जल्द ही शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) कार्यक्रम के तहत जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों का नि:शुल्क इलाज व आंपरेशन कराया जा रहा है.
कार्यशाला में मीडिया प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर विभिन्न सवाल किए जिनके उत्तर सीएमओ एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों ने दिए. कार्यक्रम का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी प्रेमचंद यादव ने किया. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अन्य कई अधिकारियों समेत यूनीसेफ, टीएसयू व सीफार के लोग मौजूद रहे.