परीक्षित जी के जन्म की पावन कथा बड़ी ही मार्मिक ढंग से साध्वी सुनीता सुनाई
हरदोई। बुधवार को ग्राम सुमई, बसोहा, कुरशेली जिला हरदोई में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन चल रहा है जिसमें कथा के द्वितीय दिवस की कथा में साध्वी सुनीता देवी ने परीक्षित जन्म की पावन कथा को सुनाया, बताया कि अपने जीवन को कल्याणमयी बनाने के लिए भगवान की कथा का आश्रय लेना अति आवश्यक है हम सभी तैयारी करते हैं.

लेकिन उस ईश्वर के यहां जाने की कोई तैयारी नहीं करते हैं जिस प्रकार माली फूलों को तोड़ने के लिए बगीचा एवं फुलवारी लगाता है उसमें फूलों का आनंद एवं फूलों द्वारा दी गई सुगंध का पान करने के लिए बाग लगाता है उसी प्रकार स्वर्ग में जाने की इच्छा को साकार बनाने के लिए हमें ही तैयारी करनी पड़ेगी लेकिन मनुष्य उसकी तैयारी नहीं करता है बल्कि अनेकानेक बंधन में फंसा रहता है.
परीक्षित जी ने तो 7 दिन में ही तैयारी कर ली थी, हर दिन अंतिम यात्रा एवं जन्म को सफल बनाने के लिए तैयारी करनी चाहिए परीक्षित का जन्म कैसे हुआ और परीक्षित जी को गर्भ में ही भगवान ने दर्शन दिया अस्वस्सथामा द्वारा किए गए प्रहार से किस प्रकार श्री कृष्ण चंद्र जी ने गर्भ में उनकी रक्षा की परीक्षित जी के जन्म की पावन कथा बड़ी ही मार्मिक ढंग से साध्वी जी ने सुनाई, संगीतमय रस से पंडाल में आए हुए सभी भक्त भावविभोर हो गए.