Surya Satta
उत्तर प्रदेश

आरसीएच पोर्टल पर 67.08 प्रतिशत अंकों के साथ सीतापुर जनपद ने टॉप टेन में बनाई जगह 

सीतापुर। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में जिले ने प्रदेश में नौवां स्थान प्राप्त किया है. जिले को यह उपलब्धि वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्राप्त हुई है. प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं को दर्शाने वाला आरसीएच पोर्टल एक आईने की तरह है. सूबे के सभी जिले आठ मानकों / संकेतकों के आधार पर अपनी उपलब्धि इस पोर्टल पर अपलोड करते हैं.
 इसकी मॉनिटरिंग राज्य स्तर से की जाती है. पूरे वित्तीय वर्ष में दी गई सेवाओं की जानकारी के आधार पर हर जिले की रैंक बनती है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिले ने 67.08 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश के टॉप टेन जिलों में जगह बनाई है. इसके लिए विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारी और फ्रंट लाइन वर्कर बधाई के पात्र हैं. मुझे आशा है कि हमारे सभी कर्मचारी व अधिकारी प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं में और मेहनत करेंगे, जिससे आगामी चालू वित्तीय वर्ष में जिले को प्रथम स्थान मिल सके.

इस तरह तय होती है रैकिंग

एसीएमओ डॉ. कमलेश चंद्रा ने बताया कि आरसीएच पोर्टल पर 8 संकेतकों के आधार पर यह देखा जाता है कि जिले ने सेवाएं देने में कितनी प्रगति की है. इन संकेतकों में गर्भवती का रजिस्ट्रेशन, प्रथम तिमाही में रजिस्ट्रेशन व जांच, उच्च जोखिम गर्भावस्था, बच्चों का रजिस्ट्रेशन, पूर्ण प्रसव जांच, कुल प्रसव, संस्थागत प्रसव और पूर्ण टीकाकरण शामिल होते हैं। इन सभी मानकों पर प्राप्त उपलब्धि के आधार पर राज्य स्तर पर जिले की रैंकिंग तय होती है.

पोर्टल पर इस तरह दर्ज हुई प्रगति

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुजीत वर्मा ने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष में आरसीएच पोर्टल पर कुल 74.20 प्रतिशत गर्भवती का पंजीकरण दर्ज किया गया. जिनमें से 50.82 प्रतिशत गर्भवती पहली तिमाही में और उच्च जोखिम वाली 11.72 प्रतिशत गर्भवती का पंजीकरण किया गया. पोर्टल पर पंजीकृत गर्भवती में से 60.86 प्रतिशत गर्भवती की प्रसव पूर्व कम से कम चार बार स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. आरसीएच पोर्टल पर 91.07 प्रतिशत प्रसव का पंजीकरण किया गया. पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में जिले में 89.89 प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य केंद्रों पर हुए हैं. पोर्टल पर 79.45 प्रतिशत बच्चों का भी इस पोर्टल पर पंजीकरण किया गया. इसके अलावा एक साल तक की उम्र के 78.66 प्रतिशत बच्चे पूरी तरह से प्रतिरक्षित किए गए हैं.

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