परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति को सक्षम बनायेंगे फार्मासिस्ट
सीतापुर। परिवार नियोजन लॉजिस्टिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफपीएलएमआईएस) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एक निजी होटल में किया गया। स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन और मोबियस फाउंडेशन के वित्तीय सहयोग से पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के सभी ब्लॉक के सीएचसी व पीएचसी के फार्मासिस्टों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह ने फीता काटकर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता में मांग और आपूर्ति प्रबंधन का विशेष महत्व है। यह प्रशिक्षण फार्मासिस्टों को एफपी लॉजिस्टिक्स के कुशल प्रबंधन में सक्षम बनाएगा, जिससे सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सीआईवीएचएसएनडी के दौरान एफपी लॉजिस्टिक्स का भी अनिवार्य रूप से निरीक्षण किया जाए।
एसीएमओ डॉ. कमलेश चंद्रा ने फार्मासिस्टों को एफपीएलएमआईएस पोर्टल का नियमित उपयोग सुनिश्चित करने, बफर स्टॉक बनाए रखने, और आशा-एएनएम के साथ लॉजिस्टिक्स की समीक्षा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “परिवार नियोजन से मातृ मृत्यु दर में 30% तक कमी लाई जा सकती है। इसके लिए गर्भावस्था जांच के साथ अस्थायी साधनों की जानकारी और परामर्श आवश्यक है।”
पीएफआई के राम बरन यादव ने उम्मीद परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और परिवार नियोजन परामर्श की आवश्यकता पर जोर देते हुए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा, परिवार नियोजन बॉक्स की उपलब्धता और स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन साधनों की स्थिति पर चर्चा की गई। इस मौके पर डीसीपीएम रिजवान मलिक, परिवार नियोजन लॉजिस्टिक मैनेजर जावेद खान, पीएफआई की पूर्णिमा, फार्मासिस्ट अवनीश अवस्थी, धीरेंद्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
क्या है एफपीएलएमआईएस
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुजीत वर्मा ने बताया कि एफपीएलएमआईएस एक प्रभावी ऑनलाइन पोर्टल है, जो परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत आवश्यक सामग्रियों की मांग, वितरण और बफर स्टॉक की निगरानी में सहायता करता है। यह पोर्टल फार्मासिस्टों को सामग्री का समयबद्ध तरीके से इंडेंट और वितरण करने में सक्षम बनाता है, जिससे किसी भी स्तर पर सामग्री की कमी नहीं होती। इसके माध्यम से, सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां, अंतरा इंजेक्शन, और अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। साथ ही, पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के आधार पर प्रशासन को त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलती है।