एक शाम शहीदों के नाम विराट कवि सम्मेलन में कवियों ने बहायी देश भक्ति की गंगा
सीतापुर। एक शाम शहीदों के नाम विराट कवि सम्मेलन का आयोजन क्षेत्र के बेहमा चौकी पर हुआ जिसमें सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजकुमार सिंह सोमवंशी प्रखर और कार्यक्रम आयोजक रामखेलावन प्रजापति ने अमर सपूत भगत सिंह और अमर शहीद परमवीर चक्र मनोज पांडे की तस्वीर पर माल्यार्पण पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
ओज कवि देवेंद्र कश्यप निडर ने राष्ट्र का स्तवन करते हुए पढ़ा, “जिस धरती पर भट मनोज ने विजय कारगिल वारी है उस धरती को सदा नमन है जो प्राणों से प्यारी है” अमर बलिदानी गुलाब सिंह लोधी का भी पुण्य स्मरण किया. हास्य के हस्ताक्षर चेतराम अज्ञानी ने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए पढ़ा जितने सफा वस्त्र हैं तन के, मनका बनाव तो समझी नेता आव. पिंकी प्रजापति ने पढ़ा सभी करेंगे सलाम तुमको कद को अपने बढ़ा तो पहले, तुझे भी चाहूंगी मरते दम तक तराश खुद को तपा तो पहले मदद जो मांगी है तूने उनसे इसीलिए वह जलील करते, करेगी दुनिया तेरी नवाजत खुद को हीरा बना तो पहले.
व्यंग्यकार अनिल यादव अनिकेत ने पढ़ा हाय उजाला मांगता दीपक हाथ पसार, तम के हाथों बिक गई सूरज की सरकार . छंदकार रोहित विश्वकर्मा मधुर ने पढ़ा जिन्हें जान से प्यारा अपना ही तो वतन है वीरों की वीरता से घिरा हुआ गगन है जिनकी शहादत से आजाद हम हुए थे, उन वीर बांकुरों को मेरा दंडवत नमन है. रण विजय सिंह सरल ने पढ़ा कभी फुर्सत मिले घर से तो अक्सर घूम लेता हूं सभी मित्रों के संग मस्ती से मैं भी झूम लेता हूं बिपति कोई कभी आए अगर मुझ पर यको मानो तो, पिता और मां के चरणों के अंगूठे चूम लेता हूं. शशी बिंदु शशी ने पढ़ा प्रेम स्नेह के धागे बहना लिए, रोली तन्दुल , चंदन का रोचना लिए. बांध रक्षा कवच भाई चंदन किया भाई के उन्नत का है सतना लिए.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए गजलकार आरबी शर्मा ने पढ़ा कहने को छदामी बोझ गांव का हुआ, कुर्सी किसी की हिस्से में सरकार किसी के. अन्त में राजकुमार सिंह प्रखर ने पढ़ा उत्तर में हिमगिरी दक्षिण में जलधि धो रहा चरण ललाम, ऐसे भारत की माटी को मेरा शत-शत बार प्रणाम. श्रोताओं ने खूब तालियाँ बजाकर कवियों का उत्साहवर्धन किया. बीच बीच में भारत माता जय के हुंकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हुआ.
इस मौके पर प्रमुख रूप से ग्राम प्रधान संतोष सिंह, संतोष प्रजापति, अरविंद प्रजापति सुरेंद्र मौर्य संतोष गुप्ता, चन्द्रशेखर प्रजापति, शांती देवी सहित तमाम कविता प्रेमी मौजूद रहे.