Surya Satta
सीतापुर

अब साल में 48 दिन नहीं बल्कि एक दिन खानी होगी दवा

 

सीतापुर। फाइलेरिया (हाथी पांव) बीमारी के साथ जी रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। इन मरीजों को अब साल में सिर्फ एक बार ही यह दवा खानी होगी. इससे भी अच्छी खबर यह है कि अब एक दिन की दवा के खाने से ही मरीज ठीक हो सकेगा. फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए अब प्रदेश में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मॉडल को अपनाया जा रहा है.

 

एसीएमओ (वीबीडी) डॉ. राजशेखर ने बताया कि अभी तक फाइलेरिया संक्रमित मरीज को तीन-तीन महीने के अंतराल पर 12-12 दिन दवा खानी पड़ती थी. इस तरह से एक मरीज को एक साल में कुल 48 दिन दवा खानी पड़ती थी, लेकिन अब प्रत्येक मरीज को साल में एक ही दिन दवा खानी होगी. उन्होंने बताया कि यदि फाइलेरिया का कोई भी मरीज लगातार पांच सालों तक फाइलेरिया से बचाव की दवा खा ले तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. एसीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है.

 

वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। ये मनुष्य के रक्त में रात के समय एक्टिव होता है. इस कारण स्वास्थ्य टीम रात में ही पीड़ित का ब्लड सैंपल लेती हैं. रक्त के नमूने की जांच में ये पता किया जाता है कि मरीज के रक्त में परजीवी की संख्या कितनी है. जिसके बाद मरीज का उपचार शुरू होता है. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा खाली पेट नहीं खानी है. दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती व गंभीर रूप से बीमार लोगों को यह दवा नहीं खानी. दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी, बदन में चकत्ते और खुजली जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं। यह स्वत: ठीक हो जाते हैं.

फाइलेरिया के लक्षण

फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं. अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना जाती हैमें सूजन फाइलेरिया के लक्षण हैं.

ऐसे करें बचाव

फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें. घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें. सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें. यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं. स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है. विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार निशुल्क होता है. इसलिए सीधे सरकारी अस्पताल जाएं.

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