सूचनाएं उपलब्ध न कराना बीएसए को पड़ा महंगा, सूचना आयुक्त ने लगाया 25000 का जुर्माना
सीतापुर : सीतापुर में जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना न देना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को महंगा साबित पड़ गया। राज्य सूचना आयुक्त रचना पाल व हर्षवर्धन साही द्वारा सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता को बिलम्ब से अप्रमाणित व आधी अधूरी सूचनाएं उपलब्ध कराने का दोषी पाया गया था. सूचना आयुक्त के आदेश का संयुक्त रजिस्ट्रार उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने दिनांक 05 जनवरी 2023 को संज्ञान लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए उसकी वसूली करने हेतु प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय के साथ ही जिलाधिकारी सीतापुर को पत्र भेजकर कार्यवाही करते हुए तीन माह के अंदर अनुपालन आख्या भेजने का निर्देश दिया है.
सीतापुर के ग्राम व पोस्ट तेरवा निवासी मदन पाल सिंह दिनकर ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर से 5 विन्दुओ पर सूचना मांगी थी. जिसे समय सीमा समाप्त होने के बाद भी नहीं दिए जाने पर मदन पाल सिंह ने प्रथम अपीलीय अधिकारी/ जिलाधिकारी सीतापुर को 18/05/2018 को रजिस्टर्ड डाक से भेजकर सूचना दिलाने की प्रथम अपील की थी लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर कार्यालय द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई. जिसके विरुद्ध मदन पाल सिंह ने सूचना आयोग उत्तर प्रदेश में अपील संख्या एस-3- 3214/ए/18 व पंजीकरण संख्या 97467 पर वर्ष 2018 में द्वितीय अपील दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए मा० सूचना आयुक्त रचना पाल ने को जनसूचना अधिकारी को अपीलकर्ता को सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. लेकिन लम्बा समय बीत जाने के बाद भी जनसूचना अधिकारी/ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर द्वारा आवेदक को पूर्ण सत्यापित सूचना नहीं दी गई.
पांच साल तक लटकी रही सूचना
लगभग पांच साल तक जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना अधर में लटकती रही तथा सूचना आयुक्त के आदेश को चुनौती दी जाती रही. जिसकी सुनवाई सूचना आयुक्त रचना पाल व हर्षवर्धन साही द्वारा की गई थी. सूचना आयुक्तो ने जन सूचना अधिकार अधिनियम की अवहेलना करने का दोषी करार दिया गया था. जिसका संज्ञान लेते हुए दिनांक 05/01/2023 को संयुक्त रजिस्ट्रार उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने पदस्थ जन सूचना अधिकारी कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर पर 250 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 25,000 रूपए का अर्थ दण्ड लगाते हुए उनके वेतन से अर्थदंड की वसूली करने का निर्देश जारी किया गया है.
सूचना आयुक्त के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, निदेशक बेसिक शिक्षा शिक्षा निदेशालय के साथ ही जिलाधिकारी सीतापुर को पत्र लिखा है. फिलहाल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जन सूचना अधिकार अधिनियम का अनुपालन नहीं करना महंगा पड़ गया. जिसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है.