फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने के लिए हुआ नाइट ब्लड सर्वे
सीतापुर। हरगांव ब्लॉक के नवीनगर गांव में शनिवार रात फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने के उद्देश्य से नाइट ब्लड सर्वेक्षण हुआ. इस दौरान सीएचसी हरगांव के लैब टेक्निशियन रजनीश कुमार ने 92 लोगों के रक्त के नमूने लेकर उसकी रक्त पट्टिका बनाई.
लैब टेक्निशियन रजनीश ने ग्रामीणों की जिज्ञासा शांत करते हुए बताया कि फाइलेरिया संक्रमण का पता लगाने के लिए रात में ही नमूना लिया जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फाइलेरिया के परजीवी यानि माइक्रो फाइलेरिया रात में खून में सर्वाधिक सक्रिय होते हैं. इसलिए रात में लोगों के खून के नमूने की जांच कर संक्रमण की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में यह सर्वेक्षण एक कदम है.
नाइट ब्लड सर्वेक्षण में हिस्सा लेने के लिए गांव के शिवाला, कोठी व नाथू बाबा फाइलेरिया नेटवर्क /रोगी सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों ने ग्रामीणों को प्रेरित किया है. सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से गठित इन्हीं सदस्यों ने जिला मलेरिया अधिकारी से सर्वेक्षण के लिए मांग की थी.
इस नाइट ब्लड सर्वे में ग्राम प्रधान गुलजहां, आशा कार्यकर्ता ऊषा देवी, गायत्री पांडेय, विमलेश कुमारी, रूचि, संतोष, किरन गुप्ता, लता वर्मा, फाइलेरिया नेटवर्क /रोगी सपोर्ट ग्रुप के सदस्य अशोक कुमार, जयराम, नसरीन, निर्मला, शांति, अखिलेश, उर्मिला, मुन्नी शुक्ला, रामश्री, लाल बिहारी और सीफार संस्था की जिला समंवयक सुमन दीक्षित व ब्लॉक समंवयक अंशू मिश्रा का सहयोग रहा.
क्या है फाइलेरिया
जिला मलेरिया अधिकारी राज कुमार सारस्वत ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है. पेशाब में सफेद रंग के द्रव्य का जाना जिसे काईलूरिया भी कहते हैं जो फाइलेरिया का ही एक लक्षण है. इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं के स्तनों में सूजन की समस्या आती है.
फाइलेरिया के लक्षण
फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं. अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना जाती हैमें सूजन फाइलेरिया के लक्षण हैं.
ऐसे करें बचाव
फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें. घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें. सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें. यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं. स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है. विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार निशुल्क होता है। इसलिए सीधे सरकारी अस्पताल जाएं.