इंजेक्शन से नशा लेने वालों को सीतापुर जनपद में नारी जागरण सेवा समिति कर रही जागरूक,
सीतापुर। सस्ते और अधिक नशे के चक्कर में नशा करने वालों में इंजेक्शन से नशा लेने का रुझान लगातार बढ़ रहा है. सुई से नशा करने वाले इंजेक्ट ड्रग यूजर (आईडीयू) की संख्या बढ़ने से जिले में एड्स जैसी भयानक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ रहा है. ये लोग ग्रुप बना कर एक ही सुई का अलग-अलग लोग बार-बार प्रयोग करते हैं.
मिलती है मुफ्त एचआईवी जांच, सुई और सिरिंज की सुविधा
ऐसे लोगों को ही जागरूक करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (यूपी सैक्स) के तत्वावधान में एक जागरूकता अभियान चल रहा है. जिले में इस अभियान को नारी जागरण सेवा समिति संचालित कर रही है.
सीतापुर जनपद में इंजेक्शन से नशा करने वालों में 57 लोग एड्स से है पीड़ित
अभियान के जिला समन्वयक सचिन त्रिपाठी बताते हैं कि संस्था ने सीतापुर नगरीय क्षेत्र की 358 महिला सेक्स वर्कर, 255 समलैंगिक पुरुष और 50 किन्नरों के मध्य जागरूकता बढ़ाई है. इनमें से करीब 300 लोग ऐसे हैं, जो कि इंजेक्शन से नशा करते हैं. इंजेक्शन से नशा करने वालों में 57 लोग एड्स से पीड़ित भी हैं. संस्था के 13 वालंटियर (पीयर एजूकेटर) इन सभी को एड्स के प्रति जागरूक करते हैं. इंजेक्शन से नशा लेने वाले अधिकांश लोग एक ही सुई का इस्तेमाल कई बार करते है. जिससे एड्स के फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
दिए जाते हैं यह लाभ

उन्होंने बताया कि सुई से नशा लेने वालों को प्रतिदिन एक सिरिंज और वह जितनी बार इंजेक्शन लेता है, उतनी निडिल दी जाती हैं. यदि कोई आईडीयू बार-बार एक ही जगह पर सुई लगाता है तो उस स्थान पर घाव हो जाता है, ऐसे में उसके घाव का उपचार भी संस्था द्वारा कराया जाता है. मादक पदार्थों का सेवन करने वाले इन सभी लोगों का हर तीसरे माह में स्वास्थ्य परीक्षण और हर छह माह के अंतराल में एचआईवी की जांच भी कराई जाती है.
सुई से कम मात्रा से होता है अधिक नशा
नशा छोड़ चुके एक व्यक्ति ने अपनी पहचान को गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि स्मैक को सूंघने में जितना नशा होता है, उसका चार गुना नशा इंजेक्शन लगाने से होता है. जिसके चलते अधिकांशतया नशा करने वाले लोग इंजेक्शन का का इस्तेमाल करते है. साथ ही इंजेक्शन में मिलने वाला मेडिकल नशा सस्ता है. इस व्यक्ति ने यह भी बताया कि नशा लेने वाले ज्यादातर लोगों को इस तरह से एड्स फैलने की जानकारी नहीं है.