Surya Satta
उत्तर प्रदेश

परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत आयोजित होंगे सास, बेटा-बहू सम्मेलन

लखीमपुर खीरी। परिवार नियोजन की सेवाएं बेहतर बनाने के लिए जिले भर में सास, बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. यह सम्मेलन 20 जून से दो जुलाई के बीच उप केन्द्र स्तर पर आयोजित किये जायेंगे. हर सम्मेलन में औसतन प्रति आशा 14 से 18 प्रतिभागी प्रतिभाग करेंगे. यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार ने दी. सीएमओ डॉ शैलेन्द्र भटनागर ने अपील की है कि जनपद वासी ज्यादा से ज्यादा इस योजना का लाभ लें.

बेटे के सहयोग से परिवार नियोजन को मिलेगा बढ़ावा

जिला परिवार नियोजन प्रबंधक पदमाकर त्रिपाठी ने बताया सम्मेलन का उद्देश्य सास बहू के बीच संबंध, समन्वय और संवाद के जरिये बेटे के सहयोग से परिवार नियोजन को लेकर बेहतर माहौल कायम किया जाना है. इससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव ला सकें. ऐसा देखने में आता है कि परिवार में अधिकतर निर्णय में पुरुष की सहमति सर्वोपरि होती है. इसलिए सास-बहू सम्मेलन के दौरान पुरुष सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बेटे का प्रतिभाग किया जाना आवश्यक है. सास-बहू सम्मेलन से अभिप्राय सास-बेटा-बहू सम्मेलन से है.

उप केन्द्र स्तर पर आयोजित होंगे सम्मेलन

सास बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन उप केन्द्र स्तर पर आयोजित होगा. प्रत्येक उपकेन्द्र के अंतर्गत 4-5 आशा कार्यकर्ता होती हैं. सम्मेलन दो-तीन आशा कार्यकर्ताओं के कार्य क्षेत्र को मिला कर एक स्थान पर आयोजित होगा. सम्मेलन की तैयारी एएनएम और आशा कार्यकर्ता के संयुक्त प्रयास से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में की जाएगी. सम्मेलन में कम्युनिटी हेल्थ आफिसर व परिवार कल्याण काउंसलर्स द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जाएगा.

सम्मेलन में आयोजित होने वाली गतिविधियां

सम्मेलन में प्रतिभागियों का आपस में परिचय, गुब्बारा खेल के जरिये छोटे परिवार का महत्व, परिवार नियोजन में स्थायी साधनों की जानकारी, परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ च्वाइस के आधार पर अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन साधन, गर्भ समापन के बाद परिवार नियोजन साधन की जानकारी, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, शगुन किट वितरण तथा पुरस्कार वितरण आदि कार्यक्रम होंगे.

परिवार नियोजन सम्मेलन में यह होंगे प्रतिभागी

जिला परिवार नियोजन प्रबंधक पदमाकर त्रिपाठी ने बताया सम्मेलन में ऐसे दंपत्ति, जिनका विवाह एक वर्ष के भीतर हुआ हो. साथ ही उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं, वह दंपत्ति, जिन्होंने परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाया हो, ऐसे दंपत्ति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं. ऐसे आदर्श दंपत्ति जिनके विवाह के दो वर्ष बाद बच्चा हुआ हो. ऐसे दंपत्ति जिनके पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतराल हो. ऐसे दंपत्ति, जिन्होंने दो बच्चे के बाद स्थायी साधन अपनाया हो.

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