हिंदी केवल हिंद की ही नही वरन सम्पूर्ण विश्व की भाषा है: अशोक गोयल
मध्यप्रदेश। राष्ट्रीय प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के तत्वाधान में आन लाइन राष्ट्रीय काव्य संध्या का दिनांक 18.06.2022 को आयोजन वरिष्ठ कवि संगम त्रिपाठी, व वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार कवि अशोक गोयल जी के सानिध्य में एक विराट काव्य संध्या आयोजित की गई सभी रचनाकार इस गोष्ठी में बहुत ज्यादा आक्रोशित थे. हर रचनाकार की जुबान पर एक ही बात हिंदी राष्ट्र भाषा के रूप में घोषित हो जब तक यह घोषणा सरकार द्वारा नही होगी तब तक हम अपनी आवाज को बुलंद रखेंगे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता पुरुषोत्तम सोनी मतंग संपादक सृजन धारा हिंदी लखनऊ रहे. सरस्वती वंदना कवि राम लाल द्विवेद जी द्वारा की गई. कार्यक्रम का सुंदर व जानदार संचालन वरिष्ठ कवि हरि नाथ शुक्ल हरि सुल्तानपुर ने किया।वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार राष्ट्रीय कविअशोक गोयल ने कहा करें हम प्यार हिंदी से ,करें तकरार हिंदी में,अगर हो भूल भी कोई करें स्वीकार हिंदी में।यही पहचान है अपनी,हमारे दिल में ये रहती है, कि दिल की बात कहने का मजा, है यार हिंदी में.
कवयित्री बीना गोयल ने अपनी रचना कुछ इस प्रकार पेश की हमारी मान है हिंदी,हमारी आन है हिंदी ।हमारी एकता की ये बड़ी पहचान है हिंदी. कवि गुरुदीन वर्मा ने पढ़ा नाहक समझकर अपनों ने, नाचीज बना दिया मुझको. सौतन से लगाकर दिल सबने,बेघर बना दिया मुझको. कवि हरि नाथ शुक्ल हरि ने अपनी रचना को कुछ ऐसे पेश किया हमारी रूह का बंधन बंधा है.
मातृभाषा से, सरस रसधार है जो मुक्त करती मन पिपासा से संस्था के संस्थापक वरिष्ठ कवि संगम त्रिपाठी जी ने पटल पर उपस्थित सभी रचनाकारों का स्वागत कर उनका धन्यवाद अदा किया उन्होंने सभी को धायवाद अदा करते हुए कहा कि आप सभी की मेहनत एक दिन अवश्य रंग लाएगी और वो दिन दूर नही जब हिंदी राष्ट्र भाषा के रूप में घोषित होगी.
कार्यक्रम में कवयित्री सुषमा खरे, कवि अशोक गोयल ,कवयित्री बीना गोयल,डॉ मंजुला साहू, कवि सुशील कुमार पाठक ,डॉ निराला पाठक, कवि गोपाल जाटव विद्रोही, डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, कवि रामनिवास तिवारी मध्य प्रदेश, कवि विजय कुमार हैदराबाद तेलंगाना, डॉ रजनी अग्रवाल, कवि राजेश तिवारी “मक्खन” झांसी, कवि के. एल.विनोदी महाराजपुर,कवि पप्पू सोनी शाम गढ़,कवि गुरुदीन वर्मा राजस्थान,कवि प्रसाद राव जामी तेलंगाना, सुनीता जोहरी वाराणसी,आदि रचनकारों ने कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम को बहुत ऊंचाइयां प्रदान की. कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय गोष्ठी संयोजक कवि अशोक गोयल ने सभी रचनाकारों का धन्यवाद अदा कर कार्यक्रम के विराम की घोषणा की.