जैविक उर्वरकों का प्रयोग करके रोग मुक्त केले की खेती करने का किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
सीतापुर। तहसील परिसर बिसवां में किसानों को केले की खेती के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नाबार्ड व एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के फूड एवं एग्रीकल्चर फाउंडेशन के तत्वाधान में एक दिवसीय किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया.

जिसमे कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न कर जैविक उर्वरकों का प्रयोग करके रोग मुक्त केले की खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया. गया एवं केले में लगने वाले रोगों और उनके लक्षणों तथा कीटो एवं उनके बचाव के जानकारी दी गयी.

|इस अवसर पर एमिटी यूनिवर्सिटी की फ़ूड एंड एग्रीकल्चर फाउन्डेशन की डाइरेक्टर डॉ धालिनी सिंह विशेन ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नीतियों के अनुसार किसानों की आय बढ़ाने एवं उनकी फसलों को सुरक्षित करना है. इस अवसर पर उपजिलाधिकारी अनुपम मिश्रा, कृषि विज्ञान केंद्र कटिया के वैज्ञानिक दया शंकर श्रीवास्तव,केला एक्सपर्ट डॉ० ज्योति स्वरुप, अनुज सिंह, डॉ० गुरजीत कौर, विनीत अवस्थी, बद्रीश तिवारी, अभिनव, प्रद्युमन, आदि की देखरेख में कार्यशाला का आयोजन हुआ व उमाशंकर तिवारी, अश्वनी रस्तोगी, अमर सिंह, महेंद्र दीक्षित, सुरेश प्रकाश बाजपेयी,उदित नारायण, सलिल सेठ आदि किसान मौजूद रहे.