ग्राम पंचायत बरेठी के भ्रष्ट पंचायत सचिव, प्रधान व तकनीकी सहायक के विरूद्ध वसूली, एफआईआर का आदेश
सीतापुर। विकास खण्ड कसमण्डा की ग्राम बरेठी में महात्मा गांधी रोजगार गारन्टी अधिनियम के तहत गूल खोदे जाने के कार्य में गूल की लम्बाई वास्तविक लम्बाई से लगभग तीन गुना दिखाकर सरकारी धन का गबन कर लिए जाने के मामले में जिलाधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक से गबन किए गए धन की वसूली किए जाने, एफ.आई.आर. दर्ज करवाने और विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत बरेठी में मल्हन के खेत से गंगाधर के खेत तक गूल की खुदाई मनरेगा के तहत करवाई गई थी। उसमें गूल की लम्बाई 1500 मीटर बताई गई थी. गूल की खुदाई के बाद 1485 मीटर की खुदाई के सापेक्ष अट्ठासी हजार सात सौ चालीस रूपये का भुगतान करवाया गया। इस मामले में गांव के ही विनोद कुमार और धीरेन्द्र सिंह और कई अन्य ग्रामीणों ने शिकायत की थी. इस मामले में अधिशाषी अभियन्ता, नलकूप खण्ड प्रथम/नोडल अधिकारी विकास खण्ड कसमण्डा को जाँच सौंपी गई. स्थलीय जाँच में जाँच अधिकारी ने पाया कि वास्तव में गूल की लम्बाई केवल 529 मीटर है.
इस हिसाब से ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक ने सत्तावन हजार एक सौ उन्तीस रूपये का गबन किया है. जाँच अधिकारी ने 8 जुलाई को अपनी रिपोर्ट प्रेषित की. उपरोक्त रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी अनुज कुमार ने 30 जुलाई को दिए गए आदेश में पंचायत सचिव विनीत यादव, ग्राम प्रधान शान्ती देवी और तकनीकी सहायक विक्रम श्रीवास्तव को इस मामले में दोषी पाया है और इनमें से प्रत्येक से गबन की गई धनराशि का तिहाई हिस्सा जमा कराने का आदेश दिया है.
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि पैसा जमा नहीं कराया जाता है तो पंचायत सचिव के वेतन से कटौती की जाय, ग्राम प्रधान के विरूद्ध आर0सी0 जारी की जाय और तकनीकी सहायक यदि निर्धारित समयावधि में धनराशि जमा नहीं करते तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाये.
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी अपने आदेश में दोषियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने और विभागीय कार्रवाई के लिए भी आदेशित किया है. इस प्रकरण में खण्ड विकास अधिकारी अजीत कुमार यादव ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में है और इस मामले में शीघ्र ही कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.