कृषि कार्य के लिए पंजीकृत वाहनों का हो रहा व्यावसायिक उपयोग
सीतापुर। बिसवां तहसील की सकरन ब्लाक के मुख्यालय पर सांडा और सकरन खुर्द में स्थित सरकारी खाद्यान्न गोदामों से क्षेत्र की 85 ग्राम पंचायतों की लगभग एक सैकड़ा कोटे की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए जिन वाहनों का उपयोग किया जा रहा है.
पुलिस प्रशासन मौन सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे खाद्यान्न से लदे ओवरलोड वाहन
उनमें से बड़ी संख्या में वाहनों का पंजीकरण कृषि कार्य के लिए कराया गया है. जबकि वाहनों का गलत तरीके से व्यावसायिक उपयोग(Wrongful commercial use of vehicles) किया जा रहा है. यही नहीं इन वाहनों में क्षमता से कई गुना अधिक खाद्यान्न लादकर सड़कों पर तेज गति से दौड़ाया जा रहा है. जबकि जिम्मेदार अधिकारी यह सब देख कर अनदेखा कर रहे है.
अनाधिकृत वाहनों(unauthorized vehicles) में क्षमता से कई गुना खाद्यान्न भरकर सड़कों पर दौड़ाये जा रहे इन वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिनमें अक्सर लोगों की जान भी चली जाती है. क्षेत्रवासी राकेश वर्मा,दिवाकर सिंह,राजेश सिंह,प्रताप भार्गव,दिनेश शुक्ला,राज प्रताप वर्मा, शिवसागर सिंह,रामलखन भारती,जगदीश प्रसाद, राम नरेश वर्मा,राजेंद्र प्रसाद,अजय वर्मा,सरोज मिश्रा,आनंद अवस्थी, दीपक शर्मा,दिनेश मिश्रा, निर्मल गुप्ता,संतोष मिश्रा, अरविंद दीक्षित,सुनील सिंह हरिमोहन आदि ने बताया कि पहली बात तो कृषि कार्य के लिए पंजीकृत वाहनों का व्यवसायिक उपयोग से सरकार को हर साल लाखों का चूना लगाया जा रहा है.
वही इन वाहनों में क्षमता से दो से तीन गुना अधिक खाद्यान्न लादकर सड़कों पर दौड़ाये जाने से जहां सड़कें कम समय में टूट कर गड्ढों में बदल जाती हैं. वहीं इन अनाधिकृत वाहनों से दुर्घटनाये बढ़ी हैं. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सेटिंग गेटिंग के खेल के चलते इन अवैध रूप से परिचालित वाहनों की ओर शायद देखना भी मुनासिब नहीं समझते.