गन्ने के साथ सहफसली खेती दे रही दोगुनी आमदनी: जिला गन्ना अधिकारी
शाहजहांपुर। जिला गन्ना अधिकारी शाहजहांपुर ने बुधवार को कहा कि गन्ने के साथ सहफसली खेती किसानो को खूब भा रही है. गन्ने क़ी बुवाई अक्सर किसान 4-5 फ़ीट क़ी दूरी पर करते है. इस तरह से दो पक्तियों के बीच काफी जगह छूट जाती. सहफसली खेती से दो पक्तियों के बीच क़ी जगह का सदुपयोग हो जाता है. इसके साथ ही दलहन एवं तिलहन क़ी घरेलू जरूरत भी पूरी हो जाती है. साथ ही आमदनी भी हो जाती है. यदि कोई किसान गन्ने के साथ आलू बोता है तो उसे एक हे मे लगभग 3O0 कु. आलू क़ी पैदावार मिल जाती है.जिसकी कीमत लगभग दो लाख रूपये होगी.
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आलू गन्ना को एक साथ बोने से पड़ता है सिनेर्जेटिक प्रभाव
आलू +गन्ना को एक साथ बोने से सिनेर्जेटिक प्रभाव पड़ता है और गन्ने क़ी पैदावार भी बढ़ जाती है। शरद कालीन गन्ने के साथ आलू, मटर, मसूर, चना, तोरिया, बाकला, गोभी, गाजर, लहसुन, मूली, धनिया, प्याज़, गेंहू, जई,आदि फसलों को बोया जा सकता है. यदि बसंत कालीन गन्ना बोया है तो उसके साथ उर्द, मूंग, मूंगफली, लोबिया, सूर्यमुखी की फसल ली जा सकती है.
सहफसली खेती पर किसानो को मिलेगा अनुदान
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गन्ने के साथ दलहन एवं तिलहन को बढ़ावा देने के प्रदेश के 24 गन्ना बाहुल्य जनपदों मे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना लागू की गयी है. जनपद शाहजहाँपुर भी इस योजना से अच्छादित हैं. इस योजना के तहत किसानो को सहफसली खेती करने पर ₹ 9000 / हे. अनुदान दिया जाता है.
अनुदान के लिए किसान पारदर्शी योजना के तहत गन्ना विभाग मे पंजीकरण कराना होता है. अनुदान पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर देय होता हैं. अधिक जानकारी के लिए अपने सर्किल के गन्ना पर्वेक्षक या ज्येष्ठ गन्ना विकास निरिक्षक से संपर्क करे .