अपने बेटे की हत्या के बाद इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है बेबस पिता, पुलिस नहीं कर रही है मामला दर्ज
सीतापुर। कोतवाली देहात के राम कृष्ण पुरी निवासी एक बेबस पिता अपनी ही बहू के मिलीभगत से पुत्र की हत्या हो जाने वह संपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत करने के बावजूद पुलिस के द्वारा मामला दर्ज न किए जाने से पुत्र को इंसाफ दिलाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है, और पुलिस अधिकारियों के चौखट दर चौखट प्रार्थना पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगा रहा है.
अपने दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार अवधेश पुत्र छत्रपाल मूलनिवासी दरियाबाद करम हुसैन मजरा दूल्हापुर थाना पसगवां जिला लखीमपुर खीरी जो वर्तमान में मोहल्ला रामकृष्णपुरी थाना कोतवाली देहात का रहने वाला है बीती 22 सितंबर को वह व उसकी पत्नी लखनऊ में अपनी माता जी को जो अस्वस्थ थी देखने गए थे वही उसके मोबाइल पर प्रदीप कुमार पुत्र मुन्ना लाल निवासी रामपुर ईटारा लखीमपुर जो उसके मृतक बेटे का साला है फोन आया कहा कि आप लोग सीतापुर आ जाएं आपके बेटे की मृत्यु हो गई है.
जिस पर सपरिवार वह लोग सीतापुर आए जहां बेड पर रोहित की लाश पड़ी हुई थी बहु मनोरमा से पूछा तो उसने बताया कि तबीयत नहीं ठीक थी रात को शराब पीकर आए थे और उनकी मृत्यु हो गई बहू की बात पर विश्वास करके उन लोगों ने प्रभावित मौत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया. अंतिम संस्कार करने के कुछ ही दिनों बाद बहु मनोरमा कुछ परेशान रहने लगी और अपने मोबाइल से 7607 081 391 नंबर डिलीट करना चाहती थे.
इस पर उन लोगों को कुछ शक हुआ तो मोबाइल लेकर चेक किया तो बहू के मोबाइल में एक लड़के के साथ कमरे के अंदर की फोटो मिली जिस पर पूछताछ पर उसने बताया कि वह उसके किसी मित्र का फोटो है जो उसके घर में अक्सर आया जाया करता था वही मनोरमा के परिवार वालों ने भी स्वीकार किया कि मनोरमा से उसके अवैध संबंध थे तब जाकर उन्हें शक हुआ कि अवैध संबंधों को लेकर कहीं उसके बेटे की हत्या कर दी गई हो. बहु से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार भी किया कि उसके प्रेमी ने उसकी हत्या की है जिस पर बेबस पिता कोतवाली देहात में प्रार्थना पत्र दिया बावजूद इसके बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया.
इसी दौरान बहू के परिजनों ने अपने साथ लिवा ले गए.
अब सवाल यह उठता है कि जब प्रार्थी हत्या के सबूतों को पुलिस के समक्ष पेश कर रहा है और नामजद मामला दर्ज करने की बात कह रहा है तो पुलिस आखिर मामला दर्ज करने में गुरेज क्यों कर रही है आखिर क्यों नहीं मिल रहा है बे बस पिता को उसकी बेटे की मौत पर इंसाफ.