खिलाड़ी को खेल से वंचित करने वाले निर्णायक मण्डल के विरूद्ध कार्यवाही हो : धर्मेंद्र गहलोत
शिवगंज/राजस्थान : राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेंद्र गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री बी.डी.कल्ला एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर गौरव अग्रवाल को ज्ञापन भेजकर 66 वीं राज्य स्तरीय बाॅक्सिंग खेलकूद प्रतियोगिता सत्र 22-23 की स्वामी केशवानन्द शिक्षण संस्थान भढाढर सीकर में दिनांक 14 से 18 नवम्बर 2022 तक आयोजित प्रतियोगिता में सिरोही जिले के खिलाडी गिरीश कुमार लौहार को ड्रेस के अभाव में खेल से बाहर करने वाले निणार्यक मण्डल, रेफरी, चीफ रेफरी एवं प्रतियोगिता सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की.
राजस्थान शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेंद्र गहलोत ने ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा बाॅक्सिंग खेल को स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता में पहली बार सम्मिलित किया हैं. लेकिन बड़े दुभार्ग्य की बात हैं कि 66 वी राज्य स्तरीय खेलकूद (बाॅक्सिंग 17/19 वर्ष छात्र/छात्रा) प्रतियोगिता सत्र 22-23 की स्वामी केशवानन्द शिक्षण संस्थान भढाढर सीकर में दिनांक 14 से 18 नवम्बर 2022 आयोजित हुई. जिसमें दिनांक 14.11.2022 को उद्घाटन सत्र के द्वितीय मैच छात्र वर्ग अण्डर 46 किग्रा वजन में सिरोही जिले के शिवगंज महात्मा गांधी स्कूल के खिलाडी गिरीश कुमार लौहार को ड्रेस के अभाव में खेल से बाहर कर दिया। जबकि खिलाडी गिरीश कुमार चड्डा एवं बनियान पहने हुए था.
लेकिन बडे खेद का विषय हैं कि ड्रेस कोड के अभाव में रींग में उतरने नहीं दिया और गिरीशकुमार लौहार खिलाडीें को डिसक्लाडिफाई करने पर तत्काल दल प्रभारी द्वारा ऐजराज के बावजूद भी उनकी एक भी नही सुनी. दुरभाष पर निदेशालय को मुख्य महामंत्री गहलोत द्वारा दुरभाष पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन बच्चे को खेल से वंचित कर दिया गया. जो किसी भी स्थिति में सही नहीं हैं. इसके बाद निदेशालय द्वारा हिदायत के बाद प्रारम्भ के दो खिलाडी के अलावा किसी भी खिलाडी को ड्रेस कोड के बाद खेल से बाहर नहीं किया. निणार्यक मण्डल का उक्त फैसला तानाशाही पूर्ण प्रतित हुआ हैं. इस फैसले से खिलाडी गिरीशकुमार लौहार आहत एवं पीडित हुआ हैं. प्रतियोगिता आयोजन समिति सचिव का दायित्व एवं जिम्मेदारी होती हैं कि किसी के पास कोई कमी हो तो वे उपलब्ध कराते. लेकिन निर्णायक मण्डल एवं सचिव द्वारा ड्रेस उपलब्ध करवाने के बजाय खिलाडी को बाहर निकालकर खेल खेलने से वंचित करना किसी भी स्थिति में न्याय संगत प्रतित नहीं होता हैं ज्ञात रहे शिक्षा निदेशालय की ओर से ऐसा कोई आदेश या परिपत्र जारी नहीं हुआ हैं जिसमें यह लिखा हुआ हैं कि खिलाडी को ड्रेस कोड के अभाव में खेलने से वंचित किया जाये. फिर भी खिलाडी गिरीशकुमार को ड्रेस कोड के अभाव में खेलने से वंचित किया हैं. निर्णायक मण्डल के अविवेकपूर्ण एवं तानाशाहीपूर्ण निर्णय से खिलाडी हतोत्साहित हुआ है.
दल प्रभारी द्वारा लिखित में ऐतराज जताने पर प्रतियोगिता सचिव द्वारा प्राप्ति रसीद तक नही दिया जाना प्रतियोगिता स्थल पर आयोजन सचिव का तानाशाहीपुर्ण रवैया स्पष्ट रूप से प्रमाणित होता हैं. खेलो में इस तरह की लापरवाही से खेल भावना आहत हुई हैं. जबकि सरकार निरन्तर खेलो को बढावा देने का प्रयास कर रही हैं. इसके विपरित निर्णायक मण्डल का फैसला निन्दनीय हैं. संगठन ने इस तरह की लापरवाही पूर्ण रवैये पर निर्णायक मण्डल, रेफरी, चीफ रेफरी एवं प्रतियोगिता सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की.