Surya Satta
पीलीभीत

86.9 फीसद आबादी ने खाई फाइलेरियारोधी दवा

 

लोगों को फाइलेरिया से बचाने को चलाया गया एमडीए राउंड

पीलीभीत। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए गए सामूहिक दवा सेवन अभियान (एमडीए राउंड) अभियान का समापन हो गया है। इस अभियान के दौरान लक्षित आबादी के सापेक्ष 86.9 प्रतिशत आबादी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने में स्वास्थ्य विभाग को कामयाबी मिली है। यह जानकारी सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों व अधिकारियों के सामूहिक प्रयासों से अभियान सफल हो सका है।
सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है और अगर किसी को हो गई तो यह ठीक नहीं होती है। जागरूकता की कमी और समय रहते दवा का सेवन न करने से व्यक्ति को आजीवन दिव्यांगता के साथ जीना पड़ता है। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने और फाइलेरिया बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल यह अभियान चलाता है। साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा खाकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।

 

उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 13.46 लाख लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य था, जिसमें से 12.31 लाख लोगों को यह दवा खिलाई जा चुकी है। अभियान को लेकर 1,082 टीमें बनाई गई थीं। प्रत्येक टीम प्रतिदिन 25 घरों का भ्रमण कर कम से कम 125-130 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का काम किया। इन टीमों के सुपरविजन के लिए 180 सुपरवाइजर भी तैनात किए गए थे। साथ ही अभियान की राज्य और राष्ट्रीय स्तर से भी लगातार निगरानी की जाती रही।

 

फाइलेरिया के लक्षण

 

जिला मलेरिया अधिकारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण 10 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं। अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा पड़ जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं।

 

ऐसे करें बचाव

 

मलेरिया अधिकारी राजीव मौर्या ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना और मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार नि:शुल्क होता है। इसलिए लक्षण नजर आते ही तुरंत ही सरकारी अस्पताल जाएं।

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