Surya Satta
सीतापुर

सात माह में ई-संजीवनी सेवा का 1.33 लाख लोगों ने लिया लाभ

 

सीतापुर : ई-संजीवनी टेली-कंसल्टेशी सेवा लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। बात अगर बीते सात माह की करें तो इस सेवा के लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इस सेवा के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष के बीते सात माह में 1.33 लाख से अधिक लोगों ने घर बैठे चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया है। इस सेवा के माध्यम से टेली कॉलिंग कर विशेषज्ञ चिकित्सकों से बातचीत कर चिकित्सीय परामर्श ले सकते हैं। इसके तहत हर रोज चार अलग-अलग डॉक्टर रहते हैं, जो सुबह 9 से शाम चार बजे तक ऑनलाइन सेवा के लिए उपलब्ध रहते हैं।

 

ई-संजीवनी टेली-कंसल्टेशी सेवा का लाभ लेने के लिए सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ई संजीवनी एेप इंस्टॉल करें या गूगल क्रॉम ब्राउजर द्वारा डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ई-संजीवनी ओपीडी डॉट इन पर जाएं। एप या वेबसाइट पर जाकर पेशेंट रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करें। अपना राज्य चुनें, जनरल ओपीडी के अंतर्गत ओपीडी का चयन करें, मोबाइल नंबर डालें और सेंड ओटीपी पर क्लिक करें। छह अंकों का ओटीपी दर्ज कर अपना मोबाइल नंबर सत्यापित करें। पंजीकरण के बाद जनरेट टोकन बटन पर क्लिक करके टोकन बनाएं। टोकन नंबर प्राप्त होने की सूचना मिलने पर टोकन नंबर और मोबाइल नंबर की सहायता से पेशेंट लॉगिन बटन पर क्लिक करें। अपनी बारी का इंतजार करें और डॉक्टर से सलाह लें। सबसे अंत में ई प्रिस्क्रिप्शन पर्चे को डाउनलोड करें। अब आसानी से चिकित्सक द्वारा बताए गए निर्देश के अनुसार उपचार करें।

 

मोबाइल नहीं है तो सीएचओ से लें मदद

 

डीसीपीएम रिजवान मलिक बताते हैं कि बताते हैं कि अगर मरीज के पास एंड्रॉयड मोबाइल है तो ई-संजीवनी ओपीडी एप और पोर्टल के जरिये सलाह ले सकता है, पर जिसके पास मोबाइल नहीं है, वे लोग जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) से जाकर मिलें। सीएचओ अपने मोबाइल से ई-संजीवनी एप के जरिये डॉक्टर से मरीज का संपर्क कराएंगे। जिले में 452 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं, जिनमें से 407 पर सीएचओ की आईडी ई- संजीवनी के लिए क्रियाशील है। शेष आईडी स्टेट कार्यालय से प्राप्त होते ही चालू कर दी जाएंगीं। इस सेवा के सफल संचालन के लिए जिला चिकित्सालय में ई-संजीवनी हब बनाया गया है, जहां पर तीन कंप्यूटर लगे हैं, जिन्हें इंटरनेट से जोड़ा गया है।

 

ई-संजीवनी के लाभार्थियों का बढ़ता आंकड़ा

 

माह – लाभार्थियों की संख्या

अप्रैल – 4,156
मई – 9,344
जून – 16,702
जुलाई – 22,698
अगस्त – 26,265
सितंबर – 26,692
अक्टूबर – 27,377
इनसेट —

 

बोले सीएमओ

 

ई-संजीवनी नागरिकों के लिए ‘संजीवनी’ साबित हो रही है। दूर-सुदूर क्षेत्रों में ई-संजीवनी टेली-कंसल्टेशन के माध्यम से लोग विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले रहें हैं। यह सेवा अस्पतालों पर मरीजों के बोझ को कम करते हुए जमीनी स्तर पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी को दूर करने का काम कर रही है। इस सेवा से मरीजों को समय से इलाज तो मिल ही रहा है, साथ ही अस्पताल आने-जाने के झंझट से भी छुटकारा मिल रहा है।
डॉ. हरपाल सिंह, सीएमओ

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