योगी सरकार ने की पुख्ता तैयारी, रोपे गये एक एक पौधे की मिलेगी पूरी जानकारी
प्रदेश की हरितिमा बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का होगा भरपूर उपयोग
पारदर्शिता और प्रभावी मॉनीटरिंग के लिए पौधों की होगी जीयो टैगिंग
पिछली सरकारों की तरह केवल कागजी खानापूर्ति नहीं है पौधरोपण महाअभियान
लखनऊ : प्रदेश की हरितिमा बढ़ाने, जैव विविधता को मजबूती प्रदान करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार बीते 6 साल से वृहद पौधरोपण अभियान चला रही है। विगत 6 साल में प्रदेश में 135 करोड़ पौधे रोपित करने का कीर्तिमान रच चुकी योगी सरकार इस वर्ष भी 35 करोड़ पौधे रोपकर फिर से नया इतिहास रचेगी। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में सरकार के मंत्रीगण पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण के महाअभियान में नई इबारत लिखेंगे। वहीं सबसे अहम बात ये है कि प्रदेश सरकार इस बार पौधरोपण अभियान में टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करेगी। मुख्यमंत्री की मंशा है कि पिछली सरकारों की तरह पौधरोपण अभियान केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित ना रहे, बल्कि इसको लेकर पूरी पारदर्शिता और पौधों की प्रभावी मॉनीटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
शत-प्रतिशत जियो टैग्ड हैं सभी स्थल
प्रदेश में वनावरण व वृक्षावरण को बढ़ाए जाने और पर्यावरणीय संतुलन के उद्देश्य से पौधरोपण अभियान 2023 चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा अन्य विभागों एवं व्यापक जन सहभागिता से कुल 35 करोड़ पौधों का रोपण किये जाएंगे। इन 35 करोड़ पौधों में से 22 जुलाई को 30 करोड़ एवं 15 अगस्त को 5 करोड पौधे रोपित किए जा रहे हैं। वन विभाग को 12.60 करोड़ पौधरोपण के लिए स्थलों का चयन कर अग्रिम मृदा कार्य, गड्डा ख़ुदान को पहले ही पूरा किया जा चुका है। खास बात ये है कि सभी चयनित स्थलों की वेब जीआईएस (आर्क जीआईएस वेब सर्वर, फील्डमैप मोबाइल मैप, सेटेलाइट डाटा, वन सघनता एवं वन सीमा) आधारित उच्च कोटि की नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए फील्ड स्टाफ द्वारा स्थल चयन के मानकों के अनुरूप मौके पर ही पॉलीगन बनाये गये हैं, जिसमें क्षेत्र का विस्तार भी शामिल है। यानि सभी स्थल शत-प्रतिशत जियो टैग्ड हैं। भविष्य में सेटेलाईट डाटा एवं जीआईएस तकनीक के जरिए इन चयनित एवं जियो टैग्ड स्थलों में किये गये पौधरोपण का प्रभावी मॉनीटरिंग भी किया जा सकेगा।
हरीतिमा अमृत वन मोबाइल एप वर्जन 3.1 पर मिलेगी पूरी जानकारी
वन विभाग से इतर अन्य विभागों की ओर से भी रोपित किये जाने वाले 22.40 करोड़ पौधों का शत-प्रतिशत पौधरोपण पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग द्वारा एण्ड्रायड आधारित हरीतिमा अमृत वन मोबाइल एप वर्जन 3.1 विकसित किया गया है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस मोबाईल ऐप की सहायता से विभिन्न विभागों को उपलब्ध कराये गये लॉगिन व पासवर्ड के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर तक रोपित पौधों की भौगोलिक स्थिति, पौधों की संख्या, रियल टाइम फोटो तुरन्त अपलोड की जाती है। इसकी वेब आधारित डैश बोर्ड के माध्यम से लाइव निगरानी सम्भव है।
सीएम के निर्देश पर पूरी प्रक्रिया को बनाया गया पारदर्शी
मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार वन विभाग द्वारा अपनी पौधशालाओं से सहयोगी विभागों को पौधों की आपूर्ति की जा रही है। पौधों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों की ओर से मांग पत्र वन विभाग के जिला स्तरीय कार्यालयों को भेजा गया है। वन विभाग की ओर से मांग पत्र को देखते हुए बकायदा क्यूआर कोड आधारित इन्डेण्ट जनरेट कर पौधों के उठान के लिए अन्य विभागों के अधिकृत कर्मी को उपलब्ध कराया जा रहा है। इन्डेण्ट को वन विभाग की पौधशाला में ले जाने पर वन कर्मी द्वारा डीएसटी (डायरेक्ट स्पैलिंग ट्रांसफर) मोबाइल ऐप के जरिए सम्बन्धित विभाग के अधिकृत कर्मी को क्यूआर कोड स्कैन कर मांग के हिसाब से पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यही नहीं क्यूआर कोड स्कैन के बाद विभिन्न विभागों को प्रजातिवार उपलब्ध कराये गये पौधों की संख्या एवं पौध प्राप्त करने वाले का डाटा सुरक्षित किया जाता है। यानि इस पूरी प्रक्रिया को हर स्तर पर पारदर्शी बनाए रखने के लिए इस बार मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर मुकम्मल व्यवस्था की गई है।