चिंगारी से जलने वाले शोलों में हांथ लगाएंगे, बोलो यह श्रम के साधक हैं या सत्ता के आराधक हैं : केदारनाथ शुक्ल
सीतापुर। छत्रपाल बाबा धाम में सप्तदशम सप्त दिवसीय श्री रुद्रमहायज्ञ एवं भक्ति ज्ञान सम्मेलन के मंच का शुभारंभ काव्य अनुष्ठान के साथ प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कवियित्री संध्या त्रिपाठी ने मां वीणापाणि की आराधना से की वरद सुतों को ज्ञान चक्षु से अपनी मातु निहारते आओ वीणा मधुर बजावति आओ।
कवि केदारनाथ शुक्ल ने कहा कि ‘ चिंगारी से जलने वाले शोलों में हांथ लगाएंगे, बोलो यह श्रम के साधक हैं या सत्ता के आराधक हैं । अथवा उन्नति में बाधक हैं कुछ तो तुमको कहना होगा, यदि मौन रहे तो संतापों की ज्वालाओं में जलना होगा।
विकास बौखल ने कहा उपस्थित जनमानस को हहंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया और छंद पढते हुए कहा कि सोच रहे मंचो पर मसखरी होने लगी , अब सूर कबीरा की वानी मर जाएगी , नीरज के गीत कवि माणिक के व्यंग और कविता पंवार की पुरानी मर जाएगी ,कविता रहेगी हर काल में सदा अमर मत सोच लेना यह जुबानी मर जाएगी ,सौ चुटकले एक बार में सुनाने वालों एक छंद लिखने में नानी मर जाएगी।
योगेश चौहान ने महाराणा प्रताप के हांथी रामप्रसाद की स्वामिभक्त को गीत में पिरोते हुए कहा कि किया विवश हांथी को लेकिन गीत शत्रु का न गाया , देशभक्त रामप्रसाद ने अन्न शत्रु का न खाया। केला गन्ना आदि खिलाने का अंतिम प्रयास किया , पर अट्ठारह दिन तक हांथी ने उपवास किया ,अंतिम सांसो तक राणा के प्रति निष्ठा का सम्मान किया , स्वामिभक्त रामप्रसाद ने अपने को बलिदान किया।
देशहित में चार दिन की जिंदगी स्वीकार है , वर्ना सौ सौ वर्ष जीना व्यर्थ है बेकार है।
प्रमोद पंकज ने लोटपोट करते हुए सीमा हैदर और सचिन कहा कि
सजी चौखट सचिन की और सचिन के भाग जागे हैं , बिना मेहनत के लड़के चार हो जाए तो क्या कहने ।
कार्यक्रम के संयोजक प्रमोद मिश्र ‘पंचमेश’ ने गौमाता के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि ‘बचपन में था दूध पिलाया क्या तुम उसको भूल गये , ब्याज रही है बात दूर की चट कर हो तुम मूल गये , ऐसी बेइमानी करके तुम सीधे पाप कमाओगे , सिर पर रखकर हां हिंदुओं बार – बार पछताओगे। कार्यक्रम का संचालन संदीप अनुरागी ने किया उक्त अवसर पर बच्चा बाजपेई, राकेश पाण्डेय, तिरुपति मिश्र, सिद्धार्थ मिश्र , अजय पाण्डेय, राकेश यादव ,दीपक यादव, दिवाकर रावत सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।