अंग्रेजी पर कब चलेगा बुलडोजर: कवि संगम त्रिपाठी
मध्यप्रदेश। आजादी के 75 वर्ष हो रहे है हम धूमधाम से अमृत महोत्सव मना रहे हैं जो कि गौरव की बात है पर यह विडंबना ही है कि आज भी शासन के काम काज अंग्रेजी में हो रहे है. हमारे देश में हिंदी के विद्वानों की कोई कमी नहीं है व हिंदी भाषा स्वयं में वैज्ञानिक भाषा है साथ ही हिंदी भाषा समुद्र के समान है जो कई भाषाओं व बोलियों को अपने में समाहित करने की क्षमता रखती है. ऐसे में हिंदी को शासन की काम काज की भाषा के रूप में शामिल कर अंग्रेजी का प्रयोग बंद कर देना ही आज की आवश्यकता है.
प्रेरणा हिंदी प्रचारणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि हम हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहे है व सरकार से करबद्ध निवेदन करते हैं कि समस्त शासकीय कामकाज हिंदी भाषा में संचालित कर मातृभाषा को गौरव प्रदान करें. अब समय आ गया है कि अंग्रेजी के प्रयोग में बुलडोजर चला कर सरकार हिंदी को संबल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए.