एमडीए राउंड के तहत 10,32,126 लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा
श्रावस्ती। जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में बुधवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में एक मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित इस आयोजित इस कार्यशाला में 12 मई से शुरू हो रहे सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के बारे में मीडिया कर्मियों को जानकारी दी गई.
इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एपी भार्गव ने बताया कि फाइलेरिया से लोगों को बचाने के लिए 12 मई से 25 मई के मध्य मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया से बचने दवा सभी लोग जरूर खाएं.

उन्होंने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती व गंभीर रूप से बीमार लोगों को यह दवा नहीं खानी. दवा खाली पेट नहीं खानी है. उन्होंने कहा कि दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी, बदन में चकत्ते और खुजली जैसी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं. यह स्वत: ठीक हो जाते हैं. अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे. यह दवा सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 से अपराह्न तीन बजे तक खिलाई जाएगी.

एसीएमओ डॉ. मुकेश मातनहेलिया ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी एक छिपा हुआ दुश्मन है, क्योकि इसके लक्षण संक्रमण के 8 से 12 सालों बाद नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में मानव शरीर के अंगों हाथ, पैर, स्तन, अंडकोष में सूजन बढ़ने लगती है. उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 10,32,126 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगा, इसके लिए जिले भर में 1,075 टीमों का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी जमा न होने दें और सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें.