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सीतापुरस्वास्थ्य

कोविड-19 में खास सतर्क रहें क्षय रोगी, क्षय रोग को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

सीतापुर। आजादी के अमृत महोत्सव आईकॉनिक वीक ऑफ हेल्थ और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मिश्रिख कस्बे के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या राजकुमारी ने की.
इस मौके पर टीबी रोग विभाग की सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर साधना पुष्कर ने कहा कि क्षय रोग जिसे हम आम तौर पर टीबी कहते हैं माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है. यह जीवाणु ज्यादातर हमारे फेफडों पर असर करते हैं की वजह से होती है. भारत में हर साल लाखों लोग इस रोग का शिकार होते हैं. टीबी का पूरा नाम ट्यूबरक्लोसिस है.
 टीबी रोग मुख्य रूप से फेफड़ों को नुकसान पहुँचाता है. हालांकि, टीबी का वायरस आंत, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय को भी प्रभावित कर सकता है.
लैब टैक्नीशियन रीतेश पटेल ने कहा कि टीबी रोग को हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसका समय से उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है. कोरोना काल में टीबी मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. टीबी के मरीज को पूरा कोर्स करना चाहिए ,विभाग द्वारा बताए गए अवधि तक दवा का लगातार सेवन करना चाहिए. बीच में दवा छोड़ देने से बीमारी खतरनाक रूप ले लेती है जिसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी कहा जाता है। मरीज का सही एवं सम्पूर्ण इलाज न होने के कारण उसकी जान भी जा सकती है. इसलिए टीबी के लक्षण नजर आने पर अपनी जांच और पूर्ण इलाज जरुर करवाना चाहिए.
टीबी एचवी अम्बरीश दीक्षित ने कहा कि दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खासी का आना, खासी के साथ बलगम में खून आना, वजन का घटना एवं भूख कम लगाना क्षय रोग के प्रमुख लक्षण हैं. इन लक्षणों के होने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच करानी चाहिए और अवश्यकता होने पर टीबी का इलाज जरुर करवाना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि टीबी मरीज के खांसते और छींकते समय मुंह और नाक से निकलने वाली बारीक बूंदों से फैलती है. इसलिए टीबी के मरीज को अपने मुंह हो मास्क का कपड़े से ढंककर रखना चाहिए. इस मौके पर छात्राओं को वर्ष 2025 तक खत्म करने में सहयोग करने की शपथ भी दिलाई गई. कार्यक्रम में अर्श काउंसससलर लक्ष्मी गुप्ता, स्टाफ नर्स विभा मिश्रा और प्रमिला मिश्रा सहित विद्यालय की शिक्षिकाएं व बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं.

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