जनजातीय विकास विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बोले वक्त
आचार्य नरेंद्र देव टीचर ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर में राष्ट्रीय सेमिनार
सीतापुर। जनपद के आचार्य नरेंद्र देव टीचर ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर में आई सी एस एस आर द्वारा प्रायोजित जनजातीय विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के चित्र दीप प्रज्वलित किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय परिसर में आचार्य नरेंद्र देव के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर सुनील कुमार जनजातियों के विषय क्षेत्र तथा आदिवासी समाज के लोगों का सामान्य परिचय रहन-सहन और संस्कृति के बारे में बताया। महाविद्यालय की प्रोफेसर प्रणीता सिंह ने जनजातीय व्यवस्थाओं की विशेषता और उनकी घाटी संख्या से संबंधित चिंताएं व्यक्त की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रपति पदक विजेता प्रोफेसर मनोज सक्सेना ने जनजातियों का परिचय उनकी समस्याएं जारवा टाइप्स अत्यंत संवेदनशील जनजाति का अर्थ समझाया। बांसवाड़ा की जनजाति के विषय में बताया अनुसूचित जनजाति कौन है संविधान में वर्णित उनसे संबंधित आंकड़े गोंड टाइप्स आंध्र तेलंगाना महाराष्ट्र संथाल असम बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ की जनजातियों के बारे में परिचर्चा की।
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षा शास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष डीन प्रोफेसर दिनेश कुमार ने आदिवासियों के प्रति सरकार की अनदेखी सभी समाज के लोगों के द्वारा उत्पन्न की जाने वाली समस्या राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति में जनजातियों के संबंध में एजुकेशनल प्रावधान एकलव्य स्कूलों में चलाई जा रही स्कीम में परिवर्तन की आवश्यकता के बारे में बताया। अंतरराष्ट्रीय हिंदी भाखा पत्रिका के संपादक व लाल बहादुर शास्त्री अकादमी मसूरी के पूर्व प्रोफेसर गंगा प्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ ने नशे की लत, जनजातीय गौरव, बिरसा मुंडा आदि का बलिदान और उनकी क्रांति आदि विषय पर चर्चा की वर्तमान में उनके अधिकारों की बात की प्रोफेसर वैभव सिंह ने जनजातियों विभिन्न उदाहरणों के समक्ष रखा मेधा पाटेकर का संघर्ष की चर्चा चिपको आंदोलन के बारे में बताया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉक्टर कल्याण सिंह रावत ने अनुसूचित जनजातियों के प्रति अति संवेदनशीलता को व्यक्त करते हुए उनका प्रकट करते हुए उनके प्राकृतिक प्रेम जनजातीय कला और मैती आंदोलन का अर्थ समझाया बेटी जब दहेज में एक वृक्ष लेकर अपने घर जाएगी तो पर्यावरण सुरक्षित करने की बात कही। कार्यक्रम के चेयरपर्सन प्रोफेसर एन एन पाण्डेय ने जनजातियों के जागरूकता के बड़े परिवर्तन के लिए शिक्षा को सर्वोपरि बताया कॉलेज प्रबंधक राम शंकर अवस्थी ने जनजातियों का संरक्षण किए जाने की बात कही महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एसपी सिंह संगोष्ठी में आए अतिथियों व मुख्य अतिथि के प्रति आभार व्यक्त किया और जनजातियों के साथ अच्छा संबंध स्थापित करने के लिए प्रकाश डाला और उनके साथ मिल जल संस्कृति के आदान-प्रदान के महत्व को बताया इस मौके पर डॉ दीपा अवस्थी डॉक्टर नितिन पांडे डॉक्टर मोहम्मद इमरान डॉक्टर अरविंद प्रकाश श्रीमती सुरभि श्रीमती राज कीर्ति रस्तोगी आदि तमाम लोग मौजूद रहे