नुक्कड़ नाटक के जरिये ‘कूड़ा कचरेदानी में, सोएं मच्छरदानी में’ का दिया सन्देश
श्रावस्ती। ‘कूड़ा कचरेदानी में, सोएं मच्छरदानी में…, सिरसिया ब्लॉक के पिपराहवा गांव में इस नारे के गूंजते ही लोग घरों से बाहर निकल कर गांव के मंदिर न के पास एकत्र होने लगे. ग्रामीणों के हुजूम को देखकर आकार फाउंडेशन के नाट्य कलाकार भी उत्साहित होकर वाद्य यंत्रों की धुन पर बुलावा गीत गाने लगे.
सीफार के सहयोग से फाइलेरिया के प्रति जागरूकता को लेकर नुक्कड़ नाटक का मंचन
बड़ी संख्या में ग्रामीणों के एकत्र होने के बाद इन कलाकारों ने सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से फाइलेरिया जागरूकता को लेकर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया.
मंचन के दौरान ग्रामीणों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में बताया गया. उन्हें बताया गया कि एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से फाइलेरिया बीमारी होती है. इसलिए जरूरी है कि आप लोग मच्छरों से बचें, अपने घर के आस-पास पानी न रूकने दें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें ने और रात को मच्छरदानी लगा कर सोएं. साल में एक बार सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें.
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि यह दवा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार लोगों को नहीं खिलाई जाती है। यह दवा खाली पेट कभी भी न खाएं. मंचन के माध्यम से ग्रामीणों को फाइलेरिया से बचाव की दवा और उसे खाने के तरीके की भी जानकारी दी गई. नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी गई जानकारी से प्रभावित होकर 17 लोगों ने वहीं पर फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई.
इसके अलावा नुक्कड़ नाटक देख रहे तमाम लोगों ने बताया कि गांव की आशा कार्यकर्ता उन लोगों को यह दवा खिला चुकी हैं. इस मौके पर शिक्षक ब्रजेश मिश्रा, अभिनव वर्मा, आशा संगिनी श्यामली विश्वास, आशा गीता देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे. इसके अलावा इसी ब्लॉक के लालपुर अयोध्या सहित मल्हीपुर ब्लॉक के बहोरवा और इकौना ब्लॉक के कंजड़वा गांव में भी फाइलेरिया जागरूकता को लेकर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया.
सनद रहे कि जिले के सिरसिया ब्लॉक के पिपराहुआ, ललपुर अयोध्या, इकौना ब्लॉक के पांडेयपुरवा, कसजदरा और मल्हीपुर ब्लॉक के बहरवा गांवों में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत आशा कार्यकर्ता द्वारा प्रतिदिन गांव के 25 घरों का सर्वे कर शत-प्रतिशत पात्र लोगों को दवा खिलाने का काम किया जा रहा है. इन पांचों गांवों के करीब 7,642 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.
फाइलेरिया के लक्षण
सीएमओ डॉ. एपी भार्गव ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं, जैसे कि अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, अंडकोष में सूजन आदि. फाइलेरिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है. फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुफ्त इलाज किया जाता है. उपचार की सुविधा जिले की सभी पीएचसी व सीएचसी पर भी उपलब्ध है. फाइलेरिया लाइलाज बीमारी जरूर है, लेकिन उपचार से इसको बढ़ने और फैलने से रोका जा सकता है.