Surya Satta
सीतापुर

संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय फाइलेरियारोधी दवा का सेवन है: अंशू

 

डिग्री काॅलेज में बूथ लगाकर छात्र-छात्राओं को खिलाई फाइलेरिया से बचाव की दवा

सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बुधवार को कस्बे के बच्चू लाल राम दुलारी महाविद्यालय में बूथ लगाकर छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। इस बूथ का आयोजन छूटे हुए छात्र-छात्राओं को दवा खिलाने के लिए किया गया।

इस मौके पर प्रोजेक्ट कंसर्न ऑफ इंडिया (पीसीआई) की डीएमसी अंशू मिश्रा ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है जो की मच्छर के काटने से होती है। मच्छर कभी भी, किसी को भी, कहीं भी काट सकता है इसके लक्षण आने में पांच से 15 साल लग जाते हैं। फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इसके मुख्य लक्षण पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं।

आशा कार्यकर्ता रूमन ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है। इस मौके पर छूटे हुए 45 छात्र-छात्राओं को उनकी लंबाई व उम्र के हिसाब से दवाइयां की मात्रा दी गई है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक धीरेश अवस्थी, सुपरवाइजर नैनसी बाजपेयी, सोमपालय यादव सहित कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।

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