हिन्दी और सोशल मिडीया में सांमजस्य” विषय पर ‘दस्तक प्रभात कि ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ संपन्न
( दिनेश प्रसाद सिन्हा, साउथ अफ्रीका)
‘दस्तक प्रभात’ ने ११ सितंबर २२ को चल रहे हिन्दी दिवस पखवारा में आँनलाइन अंतरराष्ट्रीय परिचर्चा कार्यक्रम किया. जिसमें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं ,सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों से जुड़ें हिन्दी के वक्ताओं ने ‘हिन्दी और सोशल मिडिया में सांमजस्य ‘ विषय पर अपने विचार को रखा. संबांधन की शुरुआत करते हुए दिल्ली से किरण राय ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उनके अंदर कि साहित्यकार को सोशल मीडिया ने बाहर लाने महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया है.
मुजफ्फरपुर से समाज सेवी तथा साहित्यकार जफर हसन ने अपनी एक हास्य लेखन के साथ बताया कि सोशल मिडिया ने नव लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है.
“महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विचार ” के संस्थापक तथा समाज सेवी प्रकाश आर अर्जुनवार ने अपने पत्रकारिता के दिनों को स्मरण करते हुए हिंदी को सभी भाषाओं का राजा बताया साथ ही गऊ माता के साथ हिन्दी को जोड़ते हुए कहा कि हिन्दी सभी भाषा की माता है.
“दैनिक सहारा जीवन ” अमेठी के प्रधान संपादक संतोष श्रीवास्तव ने अनुभव के आधार पर बतलाया कि समाचार वाट्स एप्प पर मलने से सुविधा तो बढ गई है लोकिन समाचार कि सच्चाई और पुष्टि के लिए सचेत रहना होता है.
वरिष्ठ स्वतंत्र साहित्यकार दिनेश प्रसाद सिन्हा साउथ अफ्रीका से जुड़े तथा मंच का संचालन किया. सिन्हा ने कहा कि सोशल मिडिया का प्रयोग हिन्दी से जोड कर आप अच्छार्ई में भी कर सकते है अथवा गलत प्रयोग भी कर सकते है. यह पुर्णतः उपयोग कर्त्ता पर है कि कैसे करे.
मगही भाषा के ‘शेक्सपियर’ कहलाने वाले नामी साहित्यकार तथा दैनिक ” दस्तकप्रभात” के संस्थापक प्रभात वर्मा ने अपने संबोधन में फणीश्वर नाथ रेनू के साथ बिताए गए क्षणों को स्मरण किया। स्थानीय सभी भाषा को महत्वपुर्ण बताते हुए कहा कि सभी भाषा हिन्दी से ही निकली है. “दैनिक प्रदीप” और दैनिक हिन्दुस्तान ” के दिनों के अपने कार्यर्काल को याद करते हुए हिन्दी के प्रति व्यापक विचार प्रस्तुत किया.
बताते चलें कि तकनीकी समस्या की वजह से सप्ताहिक ” भोजपुरी राज्य संदेश’ के संपादक डां जर्नादन सिंह सहीत आस्ट्रेलिया, अमेरिका तथा कुछ अन्य राष्ट्रीय वक्ताओं को नहीं सुना जा सका.