Surya Satta
लखीमपुर खीरी

बच्चों की इम्यूनिटी का रखें खास ख्याल, जंक फूड से बनाएं दूरी    

लखीमपुर। बच्चे व किशोर-किशोरियाें के सही पोषण का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. ताकि वह बीमारियों की गिरफ्त में न आने पाएं. सही पोषण न मिल पाने से बच्चे व किशोर-किशोरियाें की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर पड़ जाती है. जिससे वह बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. बच्चों के क्षय रोग यानि टीबी की गिरफ्त में आ जाने का प्रमुख कारण सही पोषण और उचित पर्यावरणीय वातावरण का न मिल पाना है.
एसीएमओ डॉ अश्वनी कुमार बताते हैं कि सही पोषण का मतलब या तो भरपेट भोजन न मिल पाना है, या फिर पोषक तत्वों की कमी वाले भोजन यानि जंक फूड (पिज्जा-बर्गर आदि) पर आश्रित होने से है. उन्होंने बताया कि कुपोषण और क्षय रोग में गहरा नाता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि बच्चों के भोजन में हरी साग-सब्जी के साथ मौसमी फल को अवश्य शामिल किया जाए, क्योंकि इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण बच्चों में टीबी के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. बच्चों की टीबी की जांच और इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण के लिए 500 रुपये की धनराशि बच्चे के बैंक खाते में भेजी जाती है। यदि बच्चे का बैंक खाता नहीं है तो उसके माता या पिता के बैंक खाते में भेजी जाती है.
प्रदेश में एक नवम्बर 2020 से टीबी ग्रसित बच्चों का नई रेजिमेन के तहत इलाज किया जा रहा है, जिसके लिए नयी दवा डाट सेंटर पर उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि बच्चों को शीघ्र ही इस बीमारी से उबारने की जरूरत होती है, ताकि पढाई-लिखाई के साथ ही उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित न होने पाए. इसमें किशोरावस्था वाले बच्चे भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि यह शारीरिक विकास की अवस्था होती है और उस दौरान शरीर को पर्याप्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है. एसीएमओ डॉ अश्वनी कुमार का कहना है कि बच्चे को जन्म के बाद जितना जल्दी संभव हो सके, बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं.
क्योंकि यह बच्चे के और अंगों में टीबी का फैलाव रोकता है. लोगों को यह भ्रान्ति बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए कि टीका लगने से बच्चे को टीबी नहीं होगी. बल्कि यह टीका बच्चे के अन्य अंगों तक टीबी के फैलाव को रोकने का काम करता है. बच्चों में स्किन, ब्रेन और फेफड़ों की टीबी होने का ज्यादा खतरा रहता है। हालांकि बाल व नाखून को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है.

बच्चों में टीबी के लक्षण और कारण

बच्चों में टीबी के लक्षण पर गौर करतें को यह देखा जाता है कि पिछले तीन महीने में वजन का घटना या न बढ़ना भी इसकी वजह हो सकता है. साथ ही दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी का आना, बुखार का बने रहना भी बच्चों में टीबी रोग का लक्षण हो सकता है. इसके अलावा टीबी ग्रसित मरीज के संस्पर्श में दो साल से अधिक रहने वाले बच्चे को भी टीबी हो सकती है.

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