Surya Satta
राष्ट्रीय

मां की ममता को बचाने की मुहिम से सोनू सूद जुड़े

 

हरियाणा : हर माँ पिता का एक सपना होता है की उसका बच्चा जो आज जन्म ले रहा है वो सदा हँसता खेलता रहे और वट वृक्ष की भाँति आगे बढ़े. लेकिन कभी कभी भाग्य ऐसी मोड़ पर खडा कर देता है जहाँ इन्सान मजबूर हो जाता है. ऐसी ही एक संघर्ष दुखः तथा हर्ष के दौर से गाजीपुर की सुधा राय गुजर रही है.
सुधाराय कि बच्ची जन्म से ही लीवर संबधी गंभीर बिमारी से जुझ रही है और पती और परिवार के साथ 27 सितंबर से गुरु ग्राम हरियाणा के मेदांता अस्पताल में विगत तीन महीनों से उसके इलाज के लिए एक शेरनी जैसे लड़ रही हैं.

 


अपना सब कुछ मंहगे इलाज के दौरान गंवा चुकी इस माँ की बिटिया दो साल की बेटी अलंकृति लिवर संबंधित एक बहुत दुर्लभ बीमारी ‘बिलियरी एट्रिसिया’ से पीड़ित है. विगत डेढ़ सालों में उसके पी जीआई लखनऊ में बडे बड़े तीन ऑपरेशन हो चुके हैं परंतु कोई लाभ नही हुआ. अब डॉक्टर ने उसे मेदान्ता हॉस्पिटल गुड़गांव रेफेर कर दिया है जहां उसका लिवर ट्रांसप्लांट होना है. लेकिन इलाज में सबकुछ गंवा चुके परिवार आर्थिक परेशानियो के दौर से गुजर रहा है.
सुधा राय ने738882186 फोन पर बताया कि उनकी अपील पर समाज के लोग मदद हेतु आगे आ रहे है लोकिन इलाज मंहगा है. समाज सेवी जयकांत ने बताया कि बच्ची की मदद हेतु समाज सेवी सोनुशुद से बात हो गई है तथा वे मदद की मुहीम में जुड़ रहे है.  अंकलेश्वर के संजय राय, राघवेन्द्र राय, गोरखपुर से मृत्युन्जय कुमार, बंगलौर से प्रवीण पाण्डेय, अमीत राय दिल्ली से राहुल किरण राय और स्मृती जैसों अनेक लोग इस बच्ची के बचाने के मुहीम में प्रभावी तरीके से जुड़े है. कोई सोशल मिडिया, तो कोई प्रधान मंत्री, सांसद, और विधायकों से मदद की गुहार लगा रहा है तथा मदद दिलाने का प्रयास कर रहा है.

बच्ची की हालात काफी गंभीर है तथा एक माँ की ममता की लड़ाई में देखे जित किसकी होती है तथा आप हम जैसे कितने लोग इससे जुडते है. बडा प्रश्न है इंसानियत और इंसानियत की इच्छा शक्ति से सरकारी तंत्र जागेगी क्या. एनजीओं तथा समाजसेवी लोग तथा आमजन कितने आगे आते है क्योंकि अभीतक इलाज में सुधा ने लगभग 18 लाख खर्चा कर चुकि है. गरीब परिवार के आगे लंबी लड़ाई है डोनर मिलने के बावजुद वया बच्ची आर्थिक अभाव में नही बच पाएगी.

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