Surya Satta
सीतापुर

अनचाहा गर्भ गिराने में महिलाओं की सेहत पर हो रहे दवाओं के दुष्परिणाम 

सीतापुर। प्रदेश की 85 प्रतिशत महिलाएं अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए आज भी दवाओं को प्रयोग करती हैं. इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. यही नहीं परिवार नियोजन की जानकारी न होने की वजह से 49 प्रतिशत महिलाओं को गर्भ ठहर जाता है. इनमें से 64 प्रतिशत महिलाएं गर्भपात करवाने की कोशिश करती हैं.

जपाइगो संस्था ने फार्मासिस्टों व दवा विक्रेताओं के साथ की परिचर्चा

  जपाइगो संस्था के वरिष्ट सलाहकार डॉ. दिनेश सिंह ने शहर के एक निजी होटल में आयोजित परिचर्चा के दौरान दी. परिचर्चा का आयोजन जपाइगो संस्था द्वारा किया गया. इस परिचर्चा में जिले के निजी फार्मासिस्ट और दवा विक्रेताओं ने प्रतिभाग किया.
परिचर्चा के दौरान जपाइगो की सीनियर प्रोग्राम आंफीसर अमनेन्दर कौर ने कहा कि प्रेग्नेंसी खत्म करने के बाद इमोशनल साइड इफेक्ट्स कोई बड़ी बात नहीं है. प्रेग्नेंसी को खत्म करने का फैसला शायद ही किसी महिला के लिए आसान होता है. ये जिंदगी में काफी तनाव भरा समय होता है और इस प्रक्रिया के बाद मिली-जुली भावनाएं आ सकती हैं.
 उन्होंनें फार्मासिस्टों और दवा विक्रेताओं से जानना चाहा कि अनचाहा गर्भ गिराने के लिए जब कोई महिला या पुरूष उनके पास दवा लेने आता है तो क्या उनके पास इतना समय होता है कि वह उन्हें दवाओं के साइड इफेक्ट्स बता पाते हैं या फिर कोई सलाह दे पाते हैं.
दवा विक्रेता  हर्ष टंडन ने कहा कि इस तरह दवाएं मेडिकल स्टोर के अलावा सौंदर्य प्रसाधनों की दुकानों, ब्यूटी पार्लर और किराना की दुकानों पर भी बिक रहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की दवाओं के लिए प्राय: डॉक्टर का पर्चा भी नहीं होता है. हरगांव के दवा विक्रेता वसी अहमद ने कहा कि इस तरह की गोलियों और एमटीपी (गर्भ के चिकित्सीय समापन) किट के प्रचार में साइड इफेट्स की जानकारी दी जानी चाहिए और सरकार को इस दिशा में प्रयास करने चाहिए.
 दवा विक्रेता वीरेंद्र रस्तोगी ने कहा कि इस तरह की दवाओं और किट्स लेने वालों में करीब 90 प्रतिशत लोग अपरिचित ही होते हैं और इनमें से 80 से 90 प्रतिशत अविवाहित लोग होते हैं और उनमें से भी 90 प्रतिशत पुरुष होते हैं. यह लोग अपने पड़ोसी अथवा रिश्तेदार की आवश्यकता बताते हुए दवा की मांग करते हैं. केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल टंडन ने कहा कि गर्भपात की दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट्स को लेकर जागरूकता संबंधी पंपलेट एसोसिएशन द्वारा छपवाकर ग्राहकों को दिए जाएंगे, जिससे लोगों में इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी. परिचर्चा के दौरान बसंतगोयल, संजय महावर, शैलेश महेंद्र, प्रदीप धवन, संजय धवन, अंकित यादव, नवल महावर आदि मौजूद रहे.

कौन और कब करा सकता है गर्भपात

जपाइगो की कार्यक्रम अधिकारी आनंदी सुब्रमण्यम ने बताया कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार यौन उत्पीड़न या बलात्कार की शिकार, नाबालिग अथवा गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव हो गया हो (विधवा हो गई हो या तलाक हो गया हो) या फिर गर्भस्थ शिशु असमान्य हो ऐसी स्थिति में महिला 24 सप्ताह की अवधि के अंदर गर्भपात करा सकती है.

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